-प्रमुख सचिव को लिखा पत्र, कहा काम स्थायी सहायक आचार्य वाला लेकिन मानदेय कम, नॉन प्रेक्टिसिंग एलाउंस भी नहीं
-नयी नियुक्तियों के लिए निकाले गये विज्ञापन में भी ज्यादा मानदेय दिया जाने का प्रावधान
सेहत टाइम्स
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में सेवा बॉण्ड के तहत कार्यरत सुपर स्पेशियलिस्ट चिकित्सा शिक्षकों को दिये जा रहे कम मानदेय को लेकर अपनी आवाज उठायी है। इनका कहना है कि हमारी नियुक्ति सहायक आचार्य के रूप में की गयी है लेकिन वेतन सहायक आचार्य वाला नहीं है। इस सम्बन्ध में इन चिकित्सा शिक्षकों ने इस सम्बन्ध में प्रमुख सचिव को एक पत्र भी लिखा है। इन चिकित्सकों ने यहां मीडिया के लिए जारी पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश असिस्टेंट प्रोफेसर एसोसिएशन द्वारा फैसला किया गया है कि अगले हफ्ते तक उचित मानदेय की मांग पूर्ति की दिशा में सकारात्मक कदम न उठाये जाने की स्थिति में प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
शासन को भेजे गये पत्र के अनुसार इन सुपर स्पेशियलिस्ट डॉक्टरों ने लिखा है कि हम लगभग 100 डीएम या एमसीएच डिग्रीधारक प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। तथा सरकार की योजना के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाएं दूरस्त इलाकों के लोगों को भी पहुंचा रहे हैं। ये सभी नीट परीक्षा में मेरिट में आये हुए चिकित्सक हैं। इनकी नियुक्ति सेवा बॉण्ड के तहत दो साल के लिए की गयी है। पत्र में कहा गया है कि यद्यपि सहायक आचार्य पद पर नियुक्ति संविदा पर की गयी है लेकिन वे लोग दायित्व स्थायी सहायक आचार्य का निभा रहे हैं लेकिन अगर मानदेय की बात करें तो वह सहायक आचार्य के बराबर नहीं है, साथ ही नॉन प्रेक्टिसिंग एलाउन्स सहित अन्य भत्ते भी नहीं मिल रहे हैं। पत्र में लिखा गया है कि यहां तक कि इनके समकक्ष एम्स में जो सहायक आचार्य हैं, उनके बराबर भी मानदेय नहीं मिल रहा है।
पत्र में अनुरोध किया गया है कि उनका मानदेय नियुक्ति की तिथि से स्थायी सहायक आचार्यों के समतुल्य करने का कष्ट करें।
इन चिकित्सकों का कहना है कि वर्तमान में हमें जो मानदेय दिया जा रहा है (1,20,000) वह सीनियर रेजिडेंट यानी ट्रेनी डॉक्टर्स (1,35,000) से भी कम है जबकि सभी मेडिकल कॉलेजों में अन्य सहायक आचार्यों को मानदेय (2,15,000) प्राप्त हो रहा है। चुनाव पूर्व तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने उचित कदम उठाने का आश्वासन भी दिया था। इन चिकित्सकों का कहना है कि इस विषय में हमने लगभग 2 हफ्ते पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री व उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मुलाकात कर उन्हें अपना ज्ञापन सौंपा था। लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक पहल होती नहीं दिख रही है।
इन सहायक आचार्यों ने कहा कि इसके साथ ही विगत 2 हफ्ते में हमारे द्वारा विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों से मिल कर भी उचित माध्यम से शासन को अपना ज्ञापन पहुंचाया गया है। वर्तमान में संजय गाँधी पीजीआई तथा किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा सहायक आचार्यों की भर्ती निकाली गई है जिसमें भी उचित मानदेय देने का प्रावधान है, किंतु पहले से राजकीय सेवा में नियुक्ति प्राप्त सेवा बांड कर रहे डॉक्टर्स, रेजिडेंट डॉक्टर्स से भी कम मानदेय पर कार्य कर रहे हैं।