Saturday , November 23 2024

कोरोना पर विशेष चिकित्‍सा प्रोटोकॉल विकसित करने के लिए प्रो सूर्यकान्‍त पुरस्कृत

-इंडियन चेस्‍ट सोसाइटी के हरियाणा चैप्‍टर ने किया कोरोना सेवियर पुरस्‍कार से सम्‍मानित

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकान्त को कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ग्रामीण लोगों के लिए विशेष चिकित्सा प्रोटोकॉल विकसित कर उनकी जान बचाते हुए कोविड प्रबंधन में प्रभावी भूमिका के लिए इंडियन चेस्‍ट सोसाइटी के हरियाणा चैप्‍टर ने कोरोना सेवियर पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया है।

प्रो सूर्यकांत को यह सम्‍मान हाल ही में हरियाणा के गुरुग्राम आयोजित राष्ट्रीय स्तर की चेस्ट कॉन्फ्रेंस ’’हरियाणा रेस्पिकॉन 2021’’ में प्रदान किया गया। प्रो सूर्यकांत इस कॉन्‍फ्रेंस के मुख्य अतिथि रहे। आपको बता दें कि प्रो. सूर्यकान्त द्वारा कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ग्रामीण लोगों के लिए विशेष चिकित्सा प्रोटोकॉल विकसित कर तथा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के द्वारा कोरोना की दवाइयां बंटवाना, साथ ही टीवी पर न्यूज चैनल, सोशल मीडिया, फेसबुक, ट्यूटर, यूट्यूब एवं प्रिंटमिडिया के द्वारा जनमानस को जागरूक कर उन्हें कोरोना के कहर से आम जनमानस को जान से बचाने का कार्य किया गया। यह पुरस्कार डा0 सूर्यकान्त को कोविड से पीड़ित ग्रामीण रोगियों की जान बचाने एवं इसी क्षेत्र में अन्य उल्लेखनीय कार्यों के लिए प्रदान किया गया है। डा0 सूर्यकान्त को अब तक अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगभग 140 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

डॉ सूर्यकान्त

डा0 सूर्यकान्त कोविड टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के ब्रांड एंबेसडर हैं, साथ ही डा0 सूर्यकान्त को हाल ही में अन्तर्राष्ट्रीय कोविड संस्थान ’’फ्रन्ट लाईन कोविड 19 क्रिटिकल केयर एलायन्स’’  इन्टरनेशनल पार्टनर बनाया गया है। प्रो सूर्यकान्‍त चेस्ट रोगों के विशेषज्ञों की राष्ट्रीय संस्थाओं इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, इण्डियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एण्ड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी एवं नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजीशियन (एन0सी0सी0पी0) के साथ ही इण्डियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के मेडिकल साइंस प्रभाग के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके है। वे आई0एम0ए0 एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेशलिटीज के राष्ट्रीय वायस चेयरमेन हैं एवं आई0एम0ए0 लखनऊ के भी अध्यक्ष रह चुके हैं।

इसके अलावा वे चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 17 किताबें भी लिख चुके है तथा एलर्जी, अस्थ्मा, टी.बी. एवं कैंसर के क्षेत्र में उनके अब तक लगभग 690 शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अन्र्तराष्ट्रीय जनर्ल्‍स में प्रकाशित हो चुके हैं। वे पिछले दो दशक से अधिक समय से अपने लेखों व वार्ताओ एवं टी.वी. व रेडियों के माध्यम से लोगो में एलर्जी, अस्थ्मा, टी.बी, कैंसर जैसी बीमारी से बचाव व उपचार के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं। साथ ही साथ अपने संस्थान में कोरोना पीड़ितों को भी स्वस्थ कर जीवनदान दे रहें है।

हाल ही में वाराणसी में डी.आर.डी.ओ. द्वारा स्थापित पंडित राजन मिश्रा कोविड हॉस्पिटल में कोविड मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधायें उपलब्ध कराये जाने के लिए उपलब्ध व्यवस्था का आकलन/संसाधनों/चिकित्सकीय सुविधाओं का आकलन कर एवं उसमें सुधार के लिए अपनी संस्तुति के लिए भी एक सदस्यीय टीम गठित कर डा0 सूर्यकान्त को चुना गया था। इसके पूर्व भी उ0प्र0 शासन द्वारा उनको कोविड से प्रभावित जनपदों जैसे- आगरा, कानपुर, मेरठ की समीक्षा के लिए भेजा गया था।

डा0 सूर्यकान्त को पहले भी अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजीशियन, इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन, इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजीशियन आदि संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 18 फैलोशिप सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें उ0प्र0 सरकार द्वारा विज्ञान गौरव अवार्ड (विज्ञान के क्षेत्र में उ0प्र0 का सर्वोच्च पुरस्कार) और राज्य हिन्दी संस्थान द्वारा विश्वविद्यालय स्तरीय हिन्दी सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.