-फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन वाली 14 दवाओं पर लगी रोक
-न निर्माण, न बिक्री और न ही हो सकेगा वितरण, जारी की अधिसूचना
-सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है दोनों दवाओं का फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने निमेसुलाइड + पैरोसिटामोल डिस्पर्सिबल गोलियों की निश्चित खुराक कॉम्बिनेशन सहित 14 कॉम्बिनेशन वाली दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। इस आशय की सूचना 2 जून को जारी की गयी है। समिति ने इस कॉम्बिनेशन वाली दवा के सेवन से इंसानों के स्वास्थ्य को जोखिम होने की संभावना मानव विशेषज्ञ समिति द्वारा व्यक्त करते हुए इस पर प्रतिबंध की सिफारिश की गयी थी, इसी आधार पर सरकार ने यह कदम उठाया है।
जिन 14 दवाओं पर रोक लगी है उनमें Nimesulide + Paracetamol डिसपर्सिबल टैबलेट्स, Chlopheniramine Maleate + Codeine Syrup, Pholcodine +Promethazine, Amoxicillin + Bromhexine and Bromhexine + Dextromethorphan + Ammonium Chloride + Menthol, Paracetamol + Bromhexine+ Phenylephrine + Chlorpheniramine + Guaiphenesin और Salbutamol + Bromhexine शामिल है।
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इस बारे में स्टेट फार्मेसी काउंसिल के पूर्व चेयरमैन, फार्मेसी फेडरेशन के अध्यक्ष, वरिष्ठ फार्मासिस्ट सुनील यादव बताते हैं कि FDC (फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन) में दो या ज्यादा दवाओं को मिलाकर नई दवा तैयार की जाती है। उन्होंने बताया कि स्विट्जरलैंड, स्पेन, संयुक्त राज्य आदि जैसे विभिन्न देशों में 2000 में ही इस दवा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जबकि भारत में इसे 2011 में 12 वर्ष से कम उम्र के मरीजों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था और अभी भी भारत में एडल्ट उपयोग के लिए इसकी हेपेटोटॉक्सिसिटी और संभावित ड्रग इंटरैक्शन के बावजूद भी उपलब्ध है।
सुनील यादव ने बताया कि किसी भी दवा की डोज का निर्धारण मरीज के वजन पर निर्भर करता है, अलग-अलग दवाओं को अगर एक साथ फिक्स्ड डोज कांबिनेशन में रखा जाएगा तो दो या दो से अधिक दवाओं के डोज का निर्धारण करना संभव नहीं है इसलिए फिक्स्ड डोज कांबिनेशन उचित प्रतीत नहीं होता है। उन्होंने कहा कि अगर बहुत जरूरी नहीं हो तो किसी भी बीमारी की दवा का फिक्स डोज कॉम्बिनेशन लेने से बचना चाहिए और बेहतर है कि एक ही दवा लें। जरूरत लगे तो अलग से दूसरी दवा ले सकते हैं लेकिन एक ही दवा में कई दवाओं को मिलाकर तैयार की गई दवा न लें। ऐसा करना नुकसानदायक हो सकता है।
वे बताते हैं कि अगर फिक्स डोज कॉम्बिनेशन में मौजूद किसी एक दवा से मरीज को एलर्जी है तो यह पता ही नहीं चल पाएगा कि किस दवा से एलर्जी है, जिससे सही इलाज नहीं हो पाएगा। इसी प्रकार अगर किसी फिक्स डोज कॉम्बिनेशन दवा में मौजूद एक दवा को मरीज को दिन में एक बार लेना है, लेकिन उसमें मौजूद दूसरी दवा को दो बार लेना मरीज के लिए ज्यादा फायदेमंद है। तो ऐसे समय में फिक्स्ड डोज कांबिनेशन की दवा उचित नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि निमेसुलाइड hepato toxic होती है अर्थात लिवर के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इसे किसी भी दूसरी ऐसी दवा के साथ नहीं मिलाना चाहिए, जो लिवर के लिए नुकसानदेह हो, पैरासिटामोल भी ज्यादा मात्रा में लेने पर लिवर पर असर डाल सकती है। ऐसे में इन दोनों को एक साथ मिला देने से नुकसान बढ़ सकता है।
सुनील यादव बताते हैं कि केंद्र सरकार ने मार्च 2016 में भी 349 एफडीसी दवाओं पर रोक लगा दी थी, लेकिन दवा कंपनियां इस फैसले के खिलाफ कोर्ट चली गई थीं। इसके बाद 2018 में 328 दवाओं पर रोक लगाई गई ।
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