-कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट में एक दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की सतत चिकित्सा शिक्षा का आयोजन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट, (केएसएसएससीआई) लखनऊ ने स्टरलाइज़ेशन मॉनिटरिंग और उपकरणों के सत्यापन पर एक राष्ट्रीय सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) सत्र की मेजबानी की। इस महत्वपूर्ण आयोजन का उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े संक्रमणों (एचएआई) को रोकने और रोगी सुरक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाना था।
सीएमई में लगभग 100 नर्सिंग स्टाफ, ओटी स्टाफ, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, सर्जन्स तथा संक्रमण नियंत्रण कार्य में लगे स्वास्थ्य कर्मियों ने हिस्सा लिया। सीएमई में हाथों की सफाई से लेकर आईसीयू में संक्रमण रोकने के लिए ध्यान रखे जाने वाली बातों पर चर्चा की गयी।
केएसएसएससीआई में एचआईसीसी के अध्यक्ष डॉ. देवाशीष शुक्ला ने संक्रमण नियंत्रण के क्षेत्र में स्वास्थ्य पेशेवरों की शिक्षा और प्रथाओं को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उनका कहना था कि यह आवश्यक है कि ऐसा सिस्टम बनाया जाना चाहिए जिसमेंओटी को ऑपरेशन से पूर्व विसंक्रमित करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
एसजीपीजीआई में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ तन्मय घटक ने आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर में इन्फेक्शन रोकने के लिए उठाये जाने वाले कदमों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने आईसीयू में होने वाले संक्रमण से किस प्रकार बचा जाए और आईसीयू इंचार्ज को किन बातों का विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए इस पर उपस्थित प्रतिभागियों को जानकारी दी
माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख और आयोजन अध्यक्ष डॉ. मनीषा गुप्ता ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह सत्र डॉक्टरों, नर्सों, संक्रमण नियंत्रण चिकित्सकों और अस्पताल प्रशासकों सहित स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए डिज़ाइन किया गया था, जिसमें रोगी को संक्रमण से बचाने के लिए आवश्यक उपकरण एवं अन्य जानकारी प्रदान करना था। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों का कहना था कि ऑपरेशन थिएटर से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण समय से और सही तरीके से किया चाहिए। इसी प्रकार एंडोस्कोपी किये जाने के बाद एंडोस्कोप का स्टरलाइजेशन ठीक से किया जाना चाहिए।
सत्र में क्षेत्र के प्रतिष्ठित वक्ता और विशेषज्ञ शामिल हुए, जिनमें डॉ अमित गर्ग, डॉ गौरव सिंह, डॉ मनोदीप सेन, डॉ नेहा जैन, डॉ के प्रगति, एमएस सुरेश कुमार, डॉ विपुल श्रीवास्तव और डॉ मनीषा गुप्ता शामिल थे। डॉ. दुर्गेश कुमार ने ऑपरेटिंग रूम में संक्रमण नियंत्रण पर एक सर्जन के दृष्टिकोण से मूल्यवान सुझाव दिए।