Saturday , November 23 2024

रिसर्च : केजीएमयू का साथ, आयुर्वेद का हाथ, इंसेफ्लाइटिस बनी बीते दिनों की बात

गोरखपुर के एक गांव में 10 माह से किया जा रहा था स्‍वर्णप्राशन, इस साल एक भी एईएस मरीज नहीं 

लखनऊ। पूर्वांचल में हर साल कहर ढहाने वाली बीमारी जापानी इंसेफ्लाइटिस-एक्‍यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम ( एईएस ) को रोकने पर विजय मिली है।  किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍व विद्यालय (केजीएमयू) के सोशल आउटरीच प्रोग्राम सेल और आरोग्‍य भारती के संयुक्‍त तत्‍वावधान में गोरखपुर के सहजनवां ब्‍लॉक के भड़सार गांव में दस माह तक चलाये कार्यक्रम के बाद आज इसकी सफलता की घोषणा की गयी। गुरुवार को गोरखपुर के इस गांव में केजीएमयू की टीम कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट, सोशल आउटरीच सेल के इंचार्ज प्रो संदीप तिवारी, स्‍वर्णप्राशन संस्‍कार कराने वाले आयुर्वेदिक चिकित्‍सक डॉ अभय नारायण तिवारी सहित अन्‍य लोग गांव पहुंचे।

देखें वीडियो  : इंसेफ्लाइटिस जैसी जानलेवा बीमारी से निपटने की सफलता की कहानी, केजीएमयू के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट की जुबानी।

कुलपति के अनुसार सवर्णप्राशन के लिए स्‍वर्णभस्‍म तथा अन्‍य चीजों का मिश्रण तैयार करने वाले आयुर्वेद चिकित्‍सक डॉ अभय नारायण और प्रो संदीप तिवारी की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सफलता मील का पत्‍थर साबित होगी। प्रो संदीप तिवारी जिन बच्‍चों को स्‍वर्णप्राशन के दौरान हर माह दवा पिलायी जाती थी उनकी मॉनीटरिंग करते रहे कि बच्‍चों में इसके चलते क्‍या-क्‍या सुधार और बदलाव हो रहे हैं। प्रो संदीप तिवारी ने बताया कि जैसा कि बताया गया था कि इस स्‍वर्णभस्‍म से तैयार दवा से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है, यह सही साबित हुई। उन्‍होंने बताया कि जिन बच्‍चों को यह दवा पिलायी जा रही थी वह साधारण बीमारी जुकाम, खांसी आदि के भी शिकार नहीं हुए। मुख्‍य रूप से जिस उद्देश्‍य को लेकर हम लोग चले थे कि इंसेफ्लाइटिस से कैसे निपटा जाये, इस दिशा में आशा के अनुरूप महत्‍वपूर्ण परिणाम आया। उन्‍होंने बताया कि इस गांव के लोगों को आउटरीच सेल की मदद से फ्री इलाज उपलब्‍ध कराया जायेगा।

 

इस बारे में इस दवा को तैयार करने वाले आयुर्वेद चिकित्‍सक डॉ अभय नारायण तिवारी ने बताया कि सवर्णप्राशन संस्‍कार के तहत दवा की बूंदें हर माह पुष्‍य नक्षत्र ने बच्‍चों को दीं गयीं। उन्‍होंने बताया कि परिणाम चौंकाने वाले आये और स्थिति यह हुई कि करीब 15 हजार की आबादी वाले इस गांव में इस साल एक भी बच्‍चा अभी तक इंसेफ्लाइटिस से ग्रस्‍त नहीं पाया गया। जबकि हर वर्ष इस गांव से 25-30 बच्‍चे इंसेफ्लाइटिस के शिकार होते थे।

देखें वीडियो :  गोरखपुर के गांव भड़सार पहुंचे केजीएमयू के सोशल आउटरीच सेल के इंचार्ज प्रो संदीप तिवारी जानकारी देते।

डॉ अभय नारायण ने बताया कि स्‍वर्णप्राशन संस्‍कार का वर्णन महर्षि कश्‍यप की कश्‍यप संहिता में दिया गया है। गोरखपुर के सहजनवां ब्‍लॉक के भड़सार गांव में हर साल इंसेफ्लाइटिस से बच्‍चों की मृत्‍यु और बीमार होने के समाचार आते रहते थे। ऐसा माना जा रहा है कि मुख्‍यमंत्री के कर्मक्षेत्र गोरखपुर के इस गांव में चले इस पायलट प्रोजेक्‍ट के सफल होने से इंसेफ्लाइटिस जैसी गंभीर बीमारी पर सभी जगह काबू पाना सम्‍भव हो सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.