-कानपुर स्थित हृदय रोग संस्थान के निदेशक ने कहा संस्थान के हेल्पलाइन नम्बर पर 24 घंटे ली जा सकती है मदद

सेहत टाइम्स
लखनऊ। सर्दी में हार्ट की बीमारियों को लेकर ज्यादा ही डर बना रहता है। सर्दी के मौसम में हृदय रोग से मृत्यु की संभावना भी बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में लोगों को कुछ बातों का ध्यान रखने की सलाह कानपुर के हृदय रोग संस्थान के निदेशक डॉ विनय कृष्ण द्वारा दी गयी है। उन्होंने यह भी कहा है कि इमरजेंसी में हृदय रोग संस्थान के 24 घंटे हेल्पलाइन नम्बर 6380 996 666 पर डॉक्टर द्वारा आकस्मिक परिस्थिति में सहायता प्रदान की जाएगी।
‘सेहत टाइम्स’ को जानकारी देते हुए डॉ विनय कृष्ण ने कहा है कि सर्दी में खून की नसें सिकुड़ जाती हैं, उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति अपने हाथ ठंडे पानी में डालता है तो उसके हाथ सफेद हो जाते हैं, इसके विपरीत गुनगुने पानी में हाथ डालने पर हाथ लाल हो जाता है, इससे स्पष्ट है कि शरीर में खून की नसें बाहरी तापमान के लिए अत्यंत संवेदनशील होती हैं। ऐसे में खून की नसें सिकुड़ने पर ब्लड प्रेशर के रोगियों का ब्लड प्रेशर जिन दवाओं से सामान्य चल रहा था, वह बढ़ना शुरू हो जाता है।

डॉ विनय कृष्ण का कहना है कि इसी प्रकार यदि किसी व्यक्ति के हृदय में खून की नसों में 40% रुकावट कोलेस्ट्रोल जमने के कारण पहले से है, तो यूं तो उसे हृदय रोग के कोई लक्षण पता नहीं चलेंगे, परंतु ठंड से उसके हृदय की नस सिकुड़ने से वह रुकावट 70 से 80% तक ठंड के मौसम में हो सकती है जो कि उस व्यक्ति में एंजाइना एवं हार्ड अटैक के रूप में प्रकट हो सकती है।
डॉ विनय कृष्ण बताते हैं कि इसके अतिरिक्त लंबे समय से बार-बार कोविड की लहर के आते रहने के कारण जनसामान्य की एक बहुत बड़ी आबादी का ह्रदय पहले से ही कमजोर हो सकता है ऐसे में शीत लहर के दौरान जनता को कुछ सावधानियां बरतना चाहिये।
क्या करें
डॉ विनय कृष्ण कहते हैं कि लोगों के लिए सलाह है कि
-शरीर को गर्म रखें, इसके लिए टोपी, मफलर, दस्ताना, मोजा और गर्म कपड़े पहनें।
-गुनगुना पानी पीयें।
-गर्म कमरे से निकलकर अचानक ठंड में न जाएं।
-हल्का सुपाच्य भोजन करें। गरिष्ठ भोजन को पचाने के लिए पेट का रक्त संचार बढ़ जाता है और हृदय का रक्त संचार कम हो जाता है जिससे हृदय की समस्याएं बढ़ जाती हैं। जिन रोगियों का ब्लड प्रेशर अथवा हृदय रोग का उपचार चल रहा है उन्हें अपने डॉक्टर को दोबारा दिखाकर दवा की खुराक को विनियमित करा लेना चाहिए।
-डिस्प्रिन नामक गोली घर में अवश्य रखें आकस्मिक परिस्थिति में एक गोली चलाकर गुनगुने पानी से पीले यह खून को पतला करती है जिससे हृदयाघात की स्थिति में मृत्यु की संभावना 25% तक कम हो जाती है और रोगी को अस्पताल तक ले जाने के लिए समय मिल जाता है।

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