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अस्पताल को मंदिर, मरीज को नारायण मानते हुए पुजारी बनकर सेवा करें चिकित्सक

-केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने संजय गांधी पीजीआई के दीक्षांत समारोह में किया आह्वान

-मेधावी विद्यार्थियों व शिक्षकों को पदक के साथ ही 265 यूजी-पीजी विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गयीं

-महाराष्ट्र विश्वविद्यालय ऑफ हेल्थ साइंसेज नासिक की कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानिटकर को मानद उपाधि

सेहत टाइम्स

लखनऊ। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख एल मांडविया ने अस्पताल को मंदिर, मरीज को नारायण व डॉक्टर को मंदिर की सेवा करने वाले पुजारी की उपमा देते हुए कहा है कि डॉक्टर के प्रति मरीज को भरोसा होता है। उन्होंने कहा कि जब देश का हर नागरिक स्वस्थ है तभी स्वस्थ समाज, स्वस्थ राष्ट्र और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण होता है।

श्री मांडविया ने ये विचार आज 16 दिसम्बर को यहां संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुविज्ञान संस्थान में आयोजित संस्थान के 28वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होते हुए व्यक्त किये। दीक्षांत समारोह में सभी उपाधियां/पदक प्राप्तकर्ताओं को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि आज आपका एक जीवन पूर्ण हो रहा है व दूसरे जीवन का प्रारंभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर के रूप में माता-पिता व समाज के प्रति दायित्वों का निर्वहन करें। श्री मांडविया ने सभी उपस्थित लोगों से अपील करते हुए कहा कि “देश प्रथम“ की भावना से कार्य करें।

दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता प्रदेश की राज्यपाल व कुलाध्यक्ष आनंदीबेन पटेल ने की। राज्यपाल ने कलश में जलधारा अर्पण करके जल संरक्षण के संदेश के साथ दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ किया। समारोह में राज्यपाल ने चिकित्सा संस्थान में कुल 265 उपाधियों का वितरण किया। जिसमें स्नातक स्तर के 77, परास्नातक स्तर के 185 तथा शोध के लिए 3 शोधार्थी विद्यार्थियों ने उपाधि प्राप्त की। समारोह में 150 छात्र व 115 छात्राओं को डिग्री प्रदान की गयी। इसके साथ-साथ सबसे अधिक पेटेंट व सबसे अधिक रिसर्च ग्रांट हासिल करने के लिए अवार्ड तथा सव्य साची अवॉर्ड से शिक्षकों को नवाजा गया। राज्यपाल द्वारा बटन दबाकर सभी उपाधियों को डिजीलॉकर पर अपलोड किया गया।

इस अवसर पर एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ आरके धीमन द्वारा विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की गई। समारोह में महाराष्ट्र विश्वविद्यालय ऑफ हेल्थ साइंसेज नासिक, की कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानिटकर को मानद उपाधि प्रदान की गई।

कार्यक्रम में राज्यपाल ने आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 5 किट प्रदान की। ज्ञातव्य है कि प्रदेश स्तर पर राज्यपाल द्वारा अब तक आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए 7605 किट प्रदान की जा चुकी है। इस अवसर पर 10 स्कूली बच्चों को उपहार स्वरूप पठन-पाठन सामग्री व स्कूली बैग प्रदान किए गए। राज्यपाल ने उपस्थित छोटे बच्चों को संदेश देते हुए कहा कि आप समारोह से एक सपना, संकल्प और प्रेरणा लेकर जाएं।

समारोह में राज्यपाल ने उपाधि/पदक प्राप्तकर्ता छात्र-छात्राओं, उनके माता-पिता व गुरुजनों को भी बधाई दी। राज्यपाल ने माताओं का अभिनंदन करते हुए कहा कि जब बच्चे बड़े होते हैं तो उन्हें मां की महत्वपूर्ण भूमिका का अहसास होता है कि मां ने उन्हें बड़ा करने में कितना काम किया है। उन्होंने उपस्थित सभी विद्यार्थियों को जिंदगी में माता-पिता, बड़े भाई व परिवार जनों को कभी नहीं भूलने की अपील की। उन्होंने विगत दीक्षांत समारोहों में उपाधि प्राप्त करने में छात्राओं की अव्वल भूमिका की सराहना की। राज्यपाल ने कहा कि यदि महिलाओं में गुणवत्ता, ज्ञान और कमिटमेंट है तो उन्हें उचित अवसर प्रदान किया जाना चाहिए।

राज्यपाल ने वर्तमान समय मे बीमारियों की रोकथाम के लिए सर्वाधिक प्रयास प्रीवेंटिव एक्शन में करने का आह्वान किया, जिसके तहत उन्होंने स्वच्छ खानपान, स्वच्छ जीवन शैली, आस-पास के नालों की सफाई की जरूरत बताई। उन्होंने हर घर को शुद्ध पानी के लिए प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना करते हुए महिलाओं से जल संरक्षण का संकल्प लेने की अपील की। राज्यपाल ने विकसित भारत 2047 के निर्माण के लिए बच्चों के शिक्षा में ड्रॉप आउट रेट को रोकना, नियमित स्वास्थ्य की जांच तथा स्वस्थ और समृद्ध समाज के निर्माण को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि परिश्रम के बिना सफलता कभी नहीं मिलती।

राज्यपाल ने कोरोना काल में डॉक्टर्स की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि डॉक्टर को देखकर मरीज को संतोष होता है। उन्होनें कहा कि समाज के वैसे लोग, जो भविष्य में कुछ करना चाहते हैं, लेकिन सक्षम नहीं है, उनके लिए माता-पिता के रूप में सरकार आगे आ रही है। उपस्थित चिकित्सकों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि चिकित्सक की भूमिका में समाज की उनसे काफी अपेक्षाएं हैं। उन्होंने सभी को खुश रहने और समाज को खुश रखने की अपील की।

चिकित्सक मरीज को भगवान मानकर उनकी सेवा करें : ब्रजेश पाठक

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि दीक्षांत समारोह का जीवन पर बड़ा प्रभाव होता है, जब हमें नई चुनौतियों के लिए तैयार होना पड़ता है। उन्होंने चुनौतियों को स्वीकार करने व मरीज को भगवान मानकर उनकी सेवा करने की अपील की।

सरकारी अस्पतालों से जुड़ें चिकित्सक : मयंकेश्वर शरण

इस अवसर पर राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा मयंकेश्वर शरण सिंह ने उपाधि व पदक प्राप्तकर्ताओं को शुभकामनाएं और बधाई देते हुए कहा कि सरकार के प्रयास से नित नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो रही है, जिससे डॉक्टर्स की कमी दूर होगी तथा सभी डॉक्टर्स को उन्होंने सरकारी अस्पतालों से जुड़ने की अपील की।

हमारा नजरिया इलनेस से वेलनेस की तरफ हो : जनरल माधुरी कानिटकर

समारोह में महाराष्ट्र विश्वविद्यालय ऑॅॅफ हेल्थ साइंसेज नासिक, की कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानिटकर ने सभी उपाधि/पदक प्राप्त कर्ताओं को बधाइयां और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विकसित भारत के लिए युवा और महिला आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि हमारा नजरिया इलनेस से वैलनेस की तरफ होना चाहिए। विकसित भारत के लिए उन्होंने सक्षम भारत और निरामय भारत बनाने की जरूरत बताई। उन्होंने चिकित्सा व्यवसाय में शिक्षण, अनुसंधान व जन स्वास्थ्य तथा मरीजों के सेहत रूपी ट्राइंगल को आपस में जोड़ने की अपील की।

इस अवसर पर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि देश अमृत काल में नए संकल्प, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने डॉक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताते हुए कहा कि अमृत काल में मिले हर अवसर का इस्तेमाल करें। उन्होंने सभी डॉक्टर से जिंदगी में हमेशा सीखते रहने की अपील की।
इस अवसर पर समारोह में कार्यपरिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, चिकित्सा विशेषज्ञ एवं चिकित्सकगण तथा विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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