-स्टोर में रखे-रखे दवाएं हो गयीं एक्सपायर्ड, अधिकारी बेखबर
-चिकित्सा शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित
सेहत टाइम्स
लखनऊ। साफ दिख रहा है कि डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में अनियमितताओं की सूची बहुत लम्बी है, अब यहां लाखों रुपये की दवाओं के एक्सपायर्ड होने का पता चला है, जबकि इन्हें समय रहते कम्पनी को वापस किया जाना था। खास बात यह है कि जनता के पैसों की इस बरबादी को स्वयं विभागीय मंत्री व प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अचानक छापा मारकर पकड़ा है।
ज्ञात हो चिकित्सा शिक्षा हो या चिकित्सा स्वास्थ्य सभी जगह की बिगड़ी व्यवस्थाओं को सुधारने की ठान कर चिकित्सा शिक्षा व चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी निभा रहे डिप्टी चीफ मिनिस्टर ब्रजेश पाठक का अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में ताबड़तोड़ दौरा जारी है। इसी क्रम में गुरुवार 12 मई को उप मुख्यमंत्री ने लोहिया संस्थान में 2,40, 668 उन दवाओं का पता लगाया है जो स्टोर में पडे हुए एक्सपायर हो गयीं, जबकि इन्हें वापस दवा कम्पनी को भेजा जाना था। इन दवाओं की कीमत लाखों रुपये बतायी जा रही है।
उप मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के लिए सचिव चिकित्सा शिक्षा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर दी है, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी। इस संबंध में निदेशक डॉ सोनिया नित्यानंद व अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में ब्रजेश पाठक ने नाराजगी जताते हुए सवाल किये कि आखिर इन लाखों रुपये की बरबादी का जिम्मेदार कौन है। उन्होंने कहा कि यह पैसा सरकार का है यानी जनता का पैसा है इसे इस तरह बर्बाद कैसे किया जा सकता है।
अस्पताल दर अस्पताल दौरा कर रहे ब्रजेश पाठक आज यहां गोमती नगर स्थित लोहिया संस्थान पहुंच गये। डिप्टी सीएम सीधे इमरजेंसी पहुंचकर बगल में स्थित औषधि भंडार में पहुंच गये। वहां पहुंचकर उन्होंने दवाओं की लिस्ट मांगी, बताया जाता है कि उन्होंने एक्सपायर दवाओं की भी लिस्ट मांगी जो उन्हें थोड़ी मशक्कत के बाद हासिल हो सकी।
इस बारे में उप मुख्यमंत्री ने मीडिया को स्वयं बताया कि एक्सपायर्ड हो चुकीं 2,40,669 दवाओं की सूची उन्हें प्राप्त हुई है। इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए जांच कमेटी बना दी गयी है, इसकी रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जायेगी।