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जीवन कौशल सीखकर तोड़ा जा सकता है कोरोना का चक्रव्‍यूह

-ऑनलाइन वेबिनार में केंद्रीय विद्यालय, सीबीएसई व एनसीईआरटी जुड़े प्रतिष्ठित परामर्शदाताओं ने दिये टिप्‍स

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। सीबीएसई और एनसीईआरटी के तत्वावधान में लोकमार्ग फाउंडेशन द्वारा ‘जीवन कौशल के साथ कोरोना संग जीना’ विषय पर एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया I वेबिनार के दौरान केवि‍सं (केंदीय विद्यालय संगठन), सीबीएसई और एनसीईआरटी से जुड़े देश के प्रतिष्ठित परामर्शदाताओं ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को जीवन कौशल के बारे में बताया ताकि सभी कोरोना महामारी लॉकडाउन तथा बाद की विकट परिस्थितियों का सकारात्मक रूप से सामना कर सकेंI

वेबिनार के मुख्य अतिथि केंद्रीय विद्यालय संगठन, आगरा संभाग के उपायुक्त चन्द्र शेखर आज़ाद ने सभी छात्रों, शिक्षकों, परामर्शदाताओं तथा अभिभावकों का परिस्थितियों से निडर होकर तालमेल जोड़ने का आह्वान कियाI उन्होंने कहा कि ऑनलाइन व्यवस्था पारंपरिक शिक्षण अधिगम का पूरक है, विकल्प नहींI इसलिए सभी को अपने पढ़ने पढ़ाने के तौर तरीकों में बदलाव लाना होगा तथा छात्रों को खोजी प्रवृत्ति पैदा करना होगाI शिक्षक अपने तौर तरीकों को रुचिकर बनाने के लिए नवोंमेंष्ण करें तथा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस प्रकार प्रयोग करें कि वह न सिर्फ़ सीखने सिखाने में लाभकारी हो बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हो I जब संसार में कुछ भी स्थायी नहीं है तो कोरोना महामारी का प्रकोप भी नियंत्रण में आ जाएगा और इसे नियंत्रित करने के लिए जीवन कौशल का सीखना बेहद आवश्यक है I उन्होंने जीवन कौशल के बारे में सरल तरीके से छात्रों को बताया।

उन्‍होंने केन्द्रीय विद्यालय संगठन, सीबीएसई तथा एनसीईआरटी के परामर्श प्रदान करने के प्रयासों की सराहना की तथा साथ ही सीबीएसई और एनसीईआरटी के पंजीकृत टेली काउन्सलर तथा कार्यक्रम संयोजक राजेश वशिष्ठ केन्‍द्रीय वि‍द्यालय गुरू तथा केन्‍द्रीय विद्यालय शिक्षिका जसप्रीत कौर द्वारा सभी संस्थाओं के परामर्शदाताओं को एक मंच पर लाकर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों की समस्याओं के निदान करने के नवोन्मेषी कदम तथा उनके एक्शन रिसर्च की जमकर प्रशंसा की।

वेबिनार के दौरान छात्रों, अभिभावकों तथा शिक्षकों ने अपनी शंकाएँ साझा कर उनका निदान पायाI वेबिनार में बॉलीवुड कलाकार सतीश शर्मा तथा टीवी अदाकारा गीता सरोहा से छात्रों ने अभिनय में रोज़गार के बारे में जानकारी हासिल कीI इस दौरान देश की मशहूर टैरो कार्ड रीडर अलंकृता ने भी अपने विचार रखे I वेबिनार में देश भर से 1500 छात्रों और 150 शिक्षकों ने अपने विचार साँझा किए I अंत में लोकमार्ग फाउंडेशन की निदेशक इंदु बंसल ने धन्यवाद ज्ञापित किया I

लॉकडाउन के दौरान क्या-क्या समस्याएँ आ रही हैं छात्रों को :

1.       दोस्तों का साथ न होना

2.       खेलने के लिए बाहर न जा पाना

3.       कुछ नया करने को नहीं मिल रहा

4.       स्कूल का कार्य बहुत अधिक है और समझ ठीक से नहीं आता

5.       चिड़चिड़ापन

6.       गुस्सा आने लगा है

7.       डर लगता है

8.       बोर होने लगा हूँ

9.       अकेलापन सा लगता है

लॉकडाउन के दौरान क्या क्या समस्याएँ आ रही हैं शिक्षकों को :

1.       अभिभावकों के पास नेटवर्क सहित एंड्राइड का अभाव

2.       अभिभावकों का असहयोग

3.       मानसिक थकान

4.       छात्रों की कम रुचि

5.       सतत मूल्यांकन का अभाव

6.       लिखने व बोलने की कला का अभाव

7.       ऑनलाइन शिक्षण पद्धति में प्रशिक्षण का अभाव

8.       छात्रों से सीधे संपर्क का अभाव

9.       भारी दृश्य – श्रव्य सामग्री

ये कहना है परामर्शदाताओं का

हेमलता शुक्ला सूरी : छात्र के शरीर ,भावनात्मक वेगों तथा विचारों के प्रति सचेत रहें और उन्हें यह सोचते हुए सकारात्मक रखें कि इसका अन्य को भी लाभ हो

राजेश वशिष्ठ केवीसं गुरु : आज की परिस्थितियों में छात्र अभिमन्यु की भाँति हैं जिन्हें जीवन कौशल सीख कर कोरोना के चक्रव्यूह से बाहर आना ही होगा।

श्‍याम चावला ने बताया कि निर्णय क्षमता बोध व्यक्ति काल अथवा परिस्थिति जन्य समस्या की जड़ को पहचानें तथा उसके कारण का निवारण ढूँढ़ें, उसके वैकल्पिक समाधान में से श्रेष्ठ पर जिम्मेदारी के साथ अमल करें।

लखनऊ की साइकोलॉजिस्‍ट डॉ कुमुद श्रीवास्तव का कहना था कि भावनाओं के आवेग को नियंत्रण कर उसे उचित स्थान पर उचित और मर्यादित शब्दों और भावों से प्रदर्शित करेेंें तथा तनाव प्रबंधन के लिए उसके कारण जान उनका निवारण करें। कई बार तनाव सकारात्मक भी हो सकता है जो अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रेरणास्रोत हो सकता है।

देश की जानीमानी टैरो कार्ड रीडर अलंकृता मानवी ने कहा कि आध्यामिक, भावनात्मक, शारिरिक, मानसिक, व्यक्तिगत और सामाजिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

गीतांजलि कुमार ने कहा कि अपने कम्फर्ट जोन को बढ़ाओ,अपेक्षा और भावना को तर्क से न जोड़ो।

बॉलीवुड एक्टर सतीश शर्मा ने कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों में अपने भीतर की क्षमताओं को जानो और रुचि के अनुसार उन पर अमल करो। बड़ों के साथ अपने विचार साझा करो।