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स्‍वाधीनता की राह में चौरी-चौरा की घटना महत्‍वपूर्ण

-लाल बारादरी में मूर्तिशिल्‍प शिविर का आयोजन

लखनऊ राज्य ललित कला अकादमी, द्वारा स्थापना दिवस पर तथा  चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के शुभारम्भ अवसर पर अकादमी परिसर, लाल बारादरी भवन में स्वातंत्र्य वीर अर्चन मूर्तिशिल्प शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर का शुभारम्भ आज पूर्वाह्न मुख्य अतिथि उदय खत्री एवं विशिष्ट अतिथि, विशेष सचिव, लोक निर्माण विभाग डॉ चन्द्रभूषण द्वारा दीप प्रज्‍ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उदय खत्री द्वारा भारत की स्वतंत्रता में चौरी चौरा की घटना को महत्वपूर्ण बताया और उसके बाद अनेक आंदोलनों व संघर्षों के उपरान्त भारत देश को पूर्ण स्वाधीनता प्राप्त हुई।

डॉ.चन्द्रभूषण द्वारा भी भारत की स्वाधीनता प्राप्त करने में चौरी-चौरा की घटना को महत्वपूर्ण बताया गया एवं अकादमी द्वारा चौरी चौरा घटना के शताब्दी समारोह के अंतर्गत मूर्तिशिल्प शिविर के आयोजन की सराहना की।

इस अवसर पर अकादमी के अध्यक्ष, सीताराम कश्यप द्वारा चौरी चौरा शताब्दी समारोह के अंतर्गत इस मूर्तिशिल्प शिविर के साथ ही वर्ष भर में और भी कई कार्यक्रमों को आयोजित किए जाने की जानकारी प्रदान की गई साथ ही अकादमी के 60वें स्थापना दिवस के अवसर पर आठ से 10 फरवरी, को पूर्ण भव्यता के साथ मनाये जाने की सूचना दी।

अकादमी के उपाध्यक्ष गिरीशचंद्र मिश्रा ने चौरी चौरा शताब्दी समारोह में प्रदेश के कलाकारों की अधिक से अधिक भागीदारी का आश्वासन दिया। अन्त में अकादमी के सचिव डॉ. यशवन्त सिंह राठौर द्वारा सभी प्रतिभागी कलाकारों वेणु गोपाल पराशर-मथुरा, विजय गौतम-लखनऊ, सन्टू चौबे-लखनऊ, विशाल कुमार-हरदोई, प्रिया गुप्ता-नई दिल्ली, सौम्या तिवारी-फतेहपुर, मिलन कुमार-लखनऊ, प्रताप कुमार मौर्य-फतेहपुर, कृत वर्मा-बाराबंकी एवं तूलिका रावत-कानपुर का परिचय कराते हुए शिविर में भारत की स्वाधीनता के वीर नायकों की स्मृतियों एवं कथानकों पर आधारित म्यूरल मूर्तिशिल्प सृजित किए जाने की जानकारी प्रदान की। साथ ही आमंत्रित मुख्य एवं विशिष्ट अतिथि तथा कलाकारों को धन्यवाद ज्ञापित किया।