-विशेष रूप से त्यौहारों के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने दिये रिकॉर्डिंग के निर्देश
-तम्बाकू-पान मसाला खाकर इधर-उधर थूकने वालों पर भी होगी कार्रवाई
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। सावधान मास्क नहीं लगाये हैं या थूक रहे हैं, कोरोना को लेकर प्रोटोकाल का पालन नहीं कर रहे हैं, तो आपको बता दें कि आप पर ऐसी कड़ी नजर है, जिससे आपका बचना मुश्किल है। हालांकि आपको लगेगा कि आपको कोई देख नहीं रहा है क्योंकि आपको देखने वाला जरूरी नहीं है कि आपको भी दिख जाये, जी हां त्योहारों के मौके पर विशेष रूप से कोरोना से बचने के लिए पालन किये जाने वाले प्रोटोकाल का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोरोना संक्रमण में निरन्तर कमी आ रही है। मगर, हर स्तर पर सतर्कता और सावधानी बरतना जरूरी है। आने वाले त्यौहारों पर कोरोना बचाव के प्रोटोकॉल तथा सोशल डिस्टेंसिग का पालन सुनिश्चित किया जाये। सार्वजनिक कार्यक्रमों की रिकार्डिंग कर, अधिकारियों को रोजाना भेजी जाए, ताकि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जा सके।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि विभिन्न पर्वों एवं त्योहारों के दौरान संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। निर्देशित है कि सांस्कृतिक व सार्वजनिक आयोजनों में कोरोना बचाव की समस्त सावधानी बरती जाए। प्रोटोकॉल, सोशल डिस्टेंसिग, मास्क का अनिवार्य रूप से प्रयोग आदि का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए। यह भी, मॉनिटिरिंग हो कि आयोजनों में निर्धारित सीमा से अधिक व्यक्ति सम्मिलित न हों। सार्वजनिक कार्यक्रम समेत अन्य त्यौहारों में बचाव सम्बन्धी निर्देश का पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। बुजुर्गों, कोमॉर्बिड तथा लक्षणयुक्त व्यक्तियों को ऐसे आयोजन में सम्मिलित न होने का परामर्श दिया जाए। सार्वजनिक कार्यक्रम कण्टेनमेण्ट जोन में आयोजित न हों।
साथ ही देखा जाये कि कण्टेनमेण्ट जोन में रहने वाले व्यक्ति सार्वजनिक कार्यक्रमों में न शामिल हों, उन्हें घर पर ही त्यौहार मनाने की सलाह दी जाए। सार्वजनिक कार्यक्रमों की रिकॉर्डिंग करार्इ जाए और एक माह तक रिकॉर्डिग सुरक्षित रखी जाये। रिकॉर्डिंग रोजाना वरिष्ठ प्रशासनिक एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भेजी जाय, ताकि मास्क न पहनने वाले, सार्वजनिक स्थलों पर तम्बाकू, पान-मसाला इत्यादि का उपयोग कर थूकने वालों की पहचान कर चालान किया जाए।