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पीजीआई के बराबर सेवा सुविधाओं में बाधक है परिनियमावली में चार साल से लंबित संशोधन

-अनुमोदन के बावजूद शासन स्‍तर पर संशोधन का कार्य पैन्डिंग

-केजीएमयू कर्मचारी परिषद ने कहा-सुविधा लेने तक जारी रहेगा संघर्ष

प्रदीप गंगवार

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍व विद्यालय (के जी एम यू) में गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को संजय गांधी पीजीआई के बराबर वेतनमान, पदोन्‍नति आदि का लाभ दिलाने के लिए परिनियमावली में संशोधन का कार्य किया जाना है, लगभग चार वर्ष का समय निकल गया है यह अभी तक लम्बित है, इसे कराने के लिए केजीएमयू कर्मचारी परिषद प्रतिबद्ध है। इसके लिए कुलसचिव को पिछले दिनों सौंपे पत्र पर कार्यवाही के तहत केजीएमयू प्रशासन ने राज्‍यपाल व कुलधिपति को एक पत्र लिखा है।

यह जानकारी देते हुए कर्मचारी परिषद के अध्‍यक्ष प्रदीप गंगवार ने बताया कि‍ तहत केजीएमयू कर्मचारी परिषद ने केजीएमयू के कुलसचिव को अध्‍यक्ष प्रदीप गंगवार व महामंत्री राजन यादव ने बीती एक अनुरोध पत्र सौंपा था।

उन्‍होंने बताया कि 23 अगस्त 2016 को पी जी आई के समान वेतनमान के शासनादेश का अनुपालन अभी तक शासन द्वारा ही नही किया गया है, जिसके कारण कर्मचारियों की पदोन्नति, वेतनमान एवं ए सी पी नहीं लग पा रही है जिससे कर्मचारियों को अत्यधिक आर्थिक नुकसान हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि कर्मचारियों की स्थिति अधर में बनी हुई है, उन्हें न ही पुरानी व्यवस्था के मुताबिक सुविधाएं मिल रही हैं और न ही 2016 में हुए शासनादेश का लाभ मिल पा रहा है। इधर कोरोना के संकट से प्रदेश की जनता को सुरक्षित रखने की बड़ी जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर बनी हुई है।

उन्‍होंने बताया कि इसी क्रम में कर्मचारी परिषद द्वारा राज्यपाल के अनुमोदन से परिनियमावली संशोधन पी जी आई के समान कराकर कर्मचारियों को लाभ दिलवाने की मुहिम शुरू की गई है। जिसके लिए कर्मचारी परिषद द्वारा कुलसचिव एवं कुलपति को पत्र लिखा गया, जिसके क्रम में कुलपति द्वारा परिनियमावली संशोधन के लिए राज्यपाल को पत्र प्रेषित किया गया है। उन्‍होंने कहा कि कर्मचारी परिषद संघर्ष कर उक्त समस्या से निजात दिलाने हेतु पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।