-केजीएमयू में लगातार तीसरे दिन मौत
-सीएम हेल्पलाइन में सात और कर्मी संक्रमित
-लखनऊ में 17 नये संक्रमित मरीज मिले
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण बढऩे का सिलसिला थम नहीं रहा है। लगातार पांचवें दिन रविवार को 7 अन्य कर्मचारियों में भी संक्रमण की पुष्टि हो गयी है, जबकि 46 कर्मचारी पूर्व में ही संक्रमित हो चुके हैं। इसके अलावा आलमबाग, जीआरपी और ऐशबाग में भी दो-दो मरीजों की पुष्टि समेत कुल 17 लोगों में संक्रमण पॉजिटिव मिला है। मरीजों की संख्या बढऩे पर, आलमबाग समेत तीन कन्टेनमेंट जोन भी बढ़ाये गये हैं, कुल कन्टेनमेंट जोन 25 हो चुके हैं। इस बीच केजीएमयू में भर्ती एक और कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत हो गयी। तीसरे दिन यह लगातार तीसरी मौत है, शुक्रवार व शनिवार को भी यहां भर्ती एक-एक कोरोना संक्रमित की मौत हुई थी।
सीएमओ डॉ.नरेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि गोमतीनगर विभूति खंड स्थित मुख्यमंत्री हेल्पलाइन कार्यालय में 7 नये मरीजों के मिलने से, कुल संख्या 53 पहुंच चुकी है। सभी के परिवारीजनों एवं संपर्कियों के सैंपलिंग कराई जा रही है। सभी को लोकबन्धु में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा ऐशबाग ओल्ड लेबर कॉलोनी में भी दो मरीजों की पुष्टि हुई है, इसके अलावा आलमबाग के भिलॉवा में रविवार को दो अन्य मरीजों में पुष्टि के बाद, क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन में शामिल किया गया है। इसके अलावा निरालानगर नियर पोस्ट ऑफिस से तीन, इंद्रानगर सेक्टर 8 के देव नगर से तीन में कोरोना की पुष्टि के बाद इन इलाकों को कन्टेनमेंट जोन में शामिल किया गया है। इसे देखते हुए पूरे इलाके को सैनिटाइज किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि कृष्णानगर में एक पीएसी सिपाही, बालूअड्डा और गोमतीनगर के विनम्र खंड में एक-एक मरीज में संक्रमण की पुष्टि हुई है। सभी को लोकबन्धु या साढ़ामऊ अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि संक्रमित मरीजों के परिवारीजनों के सैंपल भेजे जा चुके हैं, संपर्कियों की सूची तैयार कराई जा रही है।
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ.सुधीर सिंह के अनुसार, रविवार को रानी बाजार, गोंडा निवासी 75 वर्षीय पुरुष की सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर कोरोना वार्ड में मृत्यु हो गयी। मृतक को 30 मई को संक्रमण की पुष्टि के उपरांत भर्ती किया गया था। मरीज, कोरोना के साथ ही, टयूबरकुलोसिस का भी रोगी था, जोकि पूरे शरीर मे फैल गयी थी। मतलब संक्रमण का असर दिमाग तक पहुंच गया था। समस्त प्रयासों के बावजूद रोगी को बचाया नहीं जा सका। प्रोटोकॉल के अनुसार शव को, अंतिम संस्कार के लिए परिवारीजनों को चार पीपीई किट उपलब्ध कराते हुये, सौंप दिया गया है।