प्रदेश की पहली अत्याधुनिक मशीन आई नरोसा फार्म में
मजदूरों की किल्लत से मिलेगा छुटकारा

लखनऊ। आलू उत्पादन की खेती अत्याधुनिक उपकरण की मदद से आसान और लाभकारी हो है। भारत में निर्मित प्रोसिजर पैटैटो प्लांटर से सपाट खेत में, न केवल एक ही व्यक्ति एक दिन में 20 से 25 एकड़ आलू की बुराई कर सकता है बल्कि सीजन में दो बार खेती कर अत्यधिक धनार्जन कर सकता है। राजधानी में नरोसा गांव निवासी कृषक अभिराम वीर के खेत में शुक्रवार को अत्याधुनिक मशीन से आलू की खेती कर, किसानों को मशीन से होने वाले लाभ से अवगत कराया गया।
नरोसा फार्म में श्री वीर ने बताया कि अभी तक 20 मजदूर दिन भर की मजदूरी कर पूरे दिन में करीब दो एकड़ खेत में आलू की नाली बनाकर आलू की बुआई करते हैं, जिसमें करीब छह हजार का खर्च आता है। अब इस मशीन से प्रतिघंटा एक एकड़ आलू की बुआई हो सकेगी। मशीन उपयोग से मजदूरों की किल्लत और रोजाना की मजदूरी देने से छुटकारा मिलेगा।
उन्होंने बताया कि इसकी खास बात है कि मशीन द्वारा मनचाही चौड़ाई की नाली बनाई जा सकती है और साथ निश्चित दूरी पर बीज की रोपाई हो सकेगी, इसके अलावा खाद भी साथ में ही पहुंचती रहेंगी। अभी तक सभी कार्यों के लिए अलग अलग व्यक्तियों की जरूरत होती थी, अब मशीन खुद ही सब कुछ कर देगी। अभी तक जो समय आलू बुआई के लिए खेत बनाने और बुआई में लगता था, अब कम समय में खेती हो जाने से आलू को पैदावार में समय मिल जायेगा। परिणामस्वरूप एक ही सीजन में दो खेती प्राप्त कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि यह प्लांटर पांच लाख रुपये का है, लखनऊ में पहली मशीन आई है, जबकि पंजाब, हरियाणा, गुजरात, बिहार आदि अत्यधिक आलू उत्पादन वाले प्रांतों में यह प्लांटर पहले से प्रचलित है। शुक्रवार को नरोसा फार्म में कंपनी के मैनेजर गितांश सरदाना, पंजाब सिंह, गौरव मिश्र, रिषभ शर्मा, सुदीप्त पाल, पुष्कर, दीपक सोलंकी और परमपाल सहित तमाम लोग मौजूद थे।

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