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एलर्जी से ग्रस्त रोगी विशेष की परिस्थितियों को देखकर तय किया जाता है इम्यूनोथेरेपी से उपचार

-ICAAICON 2025 में एलर्जेन थेरेपी के प्रतिरक्षात्मक आधार, उभरते हुए बायोलॉजिक्स और सटीक निदान पर चर्चा

सेहत टाइम्स

लखनऊ। इंडियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी के 59वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन (ICAAICON 2025) का दूसरा दिन भी समृद्ध अकादमिक चर्चाओं और वैज्ञानिक उत्कृष्टता का दिन रहा। केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित इस सत्र में एलर्जी, अस्थमा और इम्यूनोलॉजी में उन्नत नैदानिक अभ्यास और सटीक चिकित्सा के विषय पर ध्यान केंद्रित किया गया।

सम्मेलन के आयोजक केजीएमयू के पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन के विभागाध्यक्ष प्रो वेद प्रकाश के बताया कि 1 नवम्बर को दूसरे दिन की शुरुआत इम्यूनोथेरेपी और एलर्जी प्रबंधन में प्रगति पर सत्रों के साथ हुई, जिसमें एलर्जेन थेरेपी के प्रतिरक्षात्मक आधार, उभरते हुए बायोलॉजिक्स और सटीक निदान पर चर्चा की गई। डॉ. ए.के. जनमेजा और डॉ. सुधीर चौधरी की अध्यक्षता में SCIT बनाम SLIT पर हुई बहस में प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। डॉ वेद प्रकाश ने बताया कि आज की तारीख में एलर्जी का सबसे एडवांस इलाज इम्युनोथेरेपी है परन्तु यह महंगा है और विशेष परिथितियों में ही इसका इस्तेमाल किया जाता है।

डॉ वेद ने बताया कि इसके अतिरिक्त आज के कार्यक्रमों के मुख्य आकर्षणों में डॉ. सुरेश कूलवाल और डॉ. एबी सिंह की अध्यक्षता में भारत में वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव पर डॉ. ए.के. जनमेजा द्वारा ICAAI फाउंडेशन व्याख्यान तथा सटीक चिकित्सा के एक प्रोटोटाइप के रूप में एलर्जेन इम्यूनोथेरेपी पर प्रो. (डॉ.) रूबी पवनकर (जापान) द्वारा व्याखयान शामिल थे। इसके अलावा बाल चिकित्सा एलर्जी और अस्थमा, दवा एलर्जी, और एलर्जी एवं Sleep Medicine पर सत्रों में उभरती नैदानिक चुनौतियों पर चर्चा की गई।

दोपहर की संगोष्ठी में व्यावसायिक और पर्यावरणीय एलर्जी, त्वचा संबंधी एलर्जी और अस्थमा में गहन देखभाल पर चर्चा की गई, जिसमें अस्थमा-सीओपीडी ओवरलैप, एटोपिक डर्मेटाइटिस, कार्यस्थल के खतरे और तीव्र गंभीर अस्थमा प्रबंधन पर केंद्रित चर्चाएँ शामिल थीं। डॉ. अनुराग त्रिपाठी, डॉ. सचिन कुमार और डॉ. मोहम्मद आरिफ ने अस्थमा में क्रिटिकल केयर पर समापन सत्र का नेतृत्व किया, जिसमें गंभीर अस्थमा में क्रिटिकल केयर और NIV में प्रगति पर प्रकाश डाला गया।

डॉ वेद ने बताया कि हमारा पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग एलर्जी एवं अस्थमा के क्षेत्र में समुचित निदान एवं इलाज के लिए प्रतिबद्ध है एवं हमारे विभाग में इसके निदान एवं इलाज की पूर्ण व्यवस्था उपलब्ध है। यहाॅ फेफड़े की एडवान्स जाॅच, Skin Prick Test (SPT), Immunotherapy, Biologics इत्यादि की सुविधा उपलब्ध है जो इस विभाग को एलर्जी एवं अस्थमा के समुचित इलाज के लिए स्टेट-आफ-आर्ट का दर्जा देती है। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में भारत का सबसे बड़ा रेस्पिरेटरी आईसीयू (30 बिस्तरों वाला) स्थापित है।

 

 

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