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स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के बयान ने तूल पकड़ा, सिद्धार्थ नाथ सिंह के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में भ्रष्‍टाचार के लिए कर्मचारियों और फार्मासिस्‍टों को ठहराया था जिम्‍मेदार 

सिद्धार्थनाथ सिंह

लखनऊ 29 अक्‍टूबर। उत्‍तर  प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के कर्मचारियों और फार्मासिस्‍टों को भ्रष्‍टाचार न रोक पाने के लिए जिम्‍मेदार बताने वाले बयान को लेकर राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद उत्‍तर प्रदेशने कड़ा आक्रोश जताया है। आपको बता दें कि कल मेरठ में स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार न रोक पाने के लिये कर्मचारियों और फार्मेसिस्ट को जिम्मेदार बताते हुये पत्रकार वार्ता में बयान दिया जिससे कर्मचारी समाज अत्यंत नाराज है।

 

यहां जारी एक बयान में राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद उत्‍तर प्रदेश के महामंत्री अतुल मिश्र ने कहा है कि किसी भी समूह को भ्रष्टाचारी बताना उस समूह के साथ अन्याय है, पूरे कर्मचारी समाज की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया है मंत्री जी ने.. अतुल मिश्र ने कहा कि अगर किसी भी समाज का  कोई एक व्यक्ति अनैतिक कार्य मे लिप्त हो तो समूह को उसके लिये जिम्मेदार नही ठहराया जा सकता। स्वास्थ्य मंत्री ने पूरे कर्मचारी समाज का अपमान किया है, उनका बयान एक भद्दी गाली के समान है, इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए अन्यथा की स्थिति में कर्मचारी उनके विरुद्ध आंदोलन करेगा।

 

अतुल मिश्र ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने बाबुओं और फार्मेसिस्ट को भ्रष्टाचारी बताया है, जबकि विभाग में भ्रष्टाचार ऊपर से व्याप्त है,  सरकारी नीतियों में तमाम अनुपयोगी बदलाव कर स्वास्थ्य मंत्री ने खुद अस्पतालों को निजीकरण के मुहाने पर खड़ा किया है, आज चिकित्सालयो में रेट कॉन्ट्रैक्ट ना होने से दवाओं का अकाल बना हुआ है , सरकारी अस्पतालों के अंदर जान बूझकर प्राइवेट दवा की दुकानें खोली गई हैं, जो नितांत गलत हैं।

 

श्री मिश्र ने कहा कि प्रदेश की नीति बनाने का काम मंत्रालय का है, विभाग को बरबाद करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की नीतियां जिम्मेदार है। स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारियों को उपलब्ध कराने वाली ब्लैक लिस्टेड कम्पनी अवनी परिधि को पुनः उसको कार्य दिया गया।

 

स्थानांतरण के संबंध में अतुल मिश्र ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्मिक की नीतियों से अलग हटकर नीति बनाई गई जिससे स्थानांतरण उद्योग बन जाये, इसलिए परिषद उस नीति के विरुद्ध आंदोलनरत था।

 

परिषद के प्रमुख उपाध्यक्ष एवं फार्मेसिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि फार्मेसिस्ट किससे नेक्सस बना सकता है ? प्रदेश की ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं फार्मेसिस्ट द्वारा ही संचालित हो रही है । प्रदेश का फार्मेसिस्ट पूरे मनोयोग से जनता की सेवा में लगा है। फार्मेसिस्ट को कोई भी वित्तीय फैसले लेने का अधिकार नही है अतः फार्मेसिस्ट को भ्रष्टाचार का कारण बताकर मंत्री जी ने पूरे समाज का अपमान किया है । मंत्री के बयान से कर्मचारी आहत है , अगर स्वास्थ्य मंत्री ने अपने बयान पर माफी नही मांगी तो परिषद आंदोलन के लिये बाध्य होगा।

 

श्री मिश्र ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से अपील की है कि वे स्वयं हस्तक्षेप कर इस प्रकरण को समाप्त करायें अन्यथा की स्थिति में परिषद से सम्बद्ध स्वास्थ्य विभाग के समस्त संगठनों के प्रान्तीय पदाधिकारियो की बैठक आहूत की गई हैं जिसमे बड़े आंदोलन की घोषणा हो सकती हैं । परिषद कर्मचारियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने वाले को किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं करेगा। इस बारे में जब स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से जानकारी करने की कोशिश की गयी तो उनसे बात नहीं हो सकी।