-कोविड वैक्सीनेशन कमेटी के विशेषज्ञ सदस्य डॉ सूर्यकान्त ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। टिटनेस का इंजेक्शन एक ऐसा इंजेक्शन है जो चोट आदि लग जाने पर लगाया जाता है, और यह इतना कॉमन है कि लोहे की किसी चीज से चोट लगने, सड़क पर गिरने से थोड़ी सी भी चोट लगने पर टिटनेस से बचाने के लिए लगा दिया जाता है। ऐसे में अगर आपको कोविड वैक्सीन लगने जा रही है तो यह ध्यान रखना है कि पिछले 14 दिनों में आपको टिटनेस या निमोनिया, हेपेटाइटिस अथवा इन्फ्लुएन्जा का टीका तो नहीं लगा है, क्योंकि कोविड का टीका लगवाते समय यह आवश्यक है कि टीका लगने से 14 दिन के अंदर कोई भी वैक्सीन न ली गयी है।
यह महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए केजीएमयू के पल्मोनरी विभाग के विभागाध्यक्ष व कोविड वैक्सीनेशन कमेटी के विशेषज्ञ सदस्य डॉ सूर्यकांत ने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड के खिलाफ लड़ाई में विजय पाने के लिए किया जा रहा टीकाकरण एक एडल्ट वैक्सीनेशन प्रोग्राम है।
डॉ सूर्यकांत ने बताया कि यह टीका 18 वर्ष से कम आयु के लोगों को नहीं लगना है, क्योंकि जितने भी दुनिया में और भारत में वैक्सीन को लेकर ट्रायल हुए हैं उनमें 18 वर्ष से कम की उम्र के लोगों को शामिल नहीं किया गया है, इसलिए उन पर अनुभव नहीं है। इसके अतिरिक्त् गर्भवती महिलाओं को नहीं लगना है साथ ही जो माताएं बच्चों को दूध पिला रही हैं उन्हें भी यह वैक्सीन नहीं लगनी है क्योंकि इन लोगों पर भी इसका ट्रायल नहीं हुआ है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा जिन लोगों को इस समय बुखार आ रहा है या हाल ही में गंभीर बीमारी का अटैक हुआ है, उनको भी कोविड वैक्सीन नहीं लगायी जानी है।
डॉ सूर्यकांत ने बताया कि इसके अतिरिक्त सभी 18 वर्ष से ऊपर आयु के लोग चाहे वे हृदय रोग, डायबिटीज, सांस की बीमारी से, लिवर की बीमारी से, गुर्दे की बीमारी सहित किसी भी बीमारी से पीड़ित हों, सभी को लगना है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनसे पूछ रहे थे कि उनकी इम्युनिटी कमजोर है, किडनी की बीमारी है, तो इसमें लगना है कि नहीं तो ऐसे लोगों को मेरी सलाह है कि सभी वयस्क व्यक्तियों को लगना है, सिर्फ एक्युट बीमारी और फेब्राइल बीमारी को छोड़कर बाकी सभी बीमारी से ग्रस्त होने के बाद भी लगना है।