हर रोग के लिए ‘सिंगल ऑर्गन सिंगल डिजीज’ सेमिनार का कॉन्सेप्ट लाजवाब

लखनऊ। अक्सर सबने सुना होगा कि कोई भी बीमारी जो किसी एक रोगी को है, वह दवा खाता है तो उसे फायदा हो जाता है लेकिन उसी बीमारी का दूसरा मरीज है जिसे वही दवा दी जाये तो फायदा नहीं करती है, दरअसल हर मरीज के हिसाब से अलग-अलग इलाज किया जाना चाहिये, दवायें हो या सर्जरी, जरूरत इस बात की है कि किस मरीज को किस तरह के इलाज से फायदा होगा उसे उस तरह का इलाज दिया जाना चाहिये।
यह जानकारी देते हुए संजय गांधी पीजीआई के डॉ अनीश श्रीवास्तव ने यूरो ऑन्कोकॉन 2019 के समापन पर इसके कॉन्फ्रेंस का महत्व बताते हुए दी। उन्होंने कहा कि कॉन्फ्रेंस के लिए सिंगल ऑर्गन सिंगल डिजीज का कॉन्सेप्ट बहुत ही लाभदायक है। यूरो ऑन्कोकॉन में किडनी के कैंसर के इलाज पर दो दिन की चर्चा निश्चित रूप से प्रत्येक मरीज के अनुकूल इलाज की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे इसी तरह डॉक्टर्स इस तरह की कॉन्फ्रेंस से मरीजों के हिसाब से उपचार देना सीख जायेंगे तो मरीजों को इसका बड़ा लाभ मिलेगा।
उन्होंने बताया कि मरीज के हिसाब से इलाज करने को पर्सनलाइज्ड मेंडिसिन कहते हैं। उन्होंने बताया कि कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन हम लोगों ने इसी बात पर चर्चा की कि किस ग्रुप के मरीजों पर कौन सी दवा या सर्जरी लाभदायक हो सकती है।
एसजीपीजीआई के ही डॉ प्रियंक ने बताया कि जैसे ब्लड कैंसर के मरीजों में भी ग्रुप बनाकर उनके हिसाब से इलाज किया जाता है, उसी प्रकार से किडनी के कैंसर में भी मरीजों के हिसाब से उन्हें ग्रुप में बांट कर इलाज की गाइड लाइन तैयार कर ली जाती है।
 
 

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