-सही डायग्नोसिस और उपचार की सलाह के साथ ही लगने वाला इम्प्लांट भी तैयार करेगी मशीन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ऑर्थोपेडिक्स विभाग में अत्याधुनिक 3डी प्रिंटिंग लैब की लॉन्चिंग की है, इसकी मदद से अब किसी भी प्रकार ऑर्थो सर्जरी को सटीक तरीके से ठीक करना आसान हो जायेगा, इस लैब की खासियत यह है कि जहां यह सटीक डायग्नोसिस करेगी कि अमुक हड्डी में क्या दिक्कत है और इसका क्या समाधान हो सकता है, कौन सा इम्प्लांट, किस साइज का लगाया जा सकता है, साथ ही उस इम्प्लांट का मॉडल भी तैयार करके मशीन द्वारा निकाल देती है, जिसके परिणामस्वरूप प्रत्येक मरीज को उसकी जरूरत के अनुसार सटीक उपचार दिया जा सकेगा। साथ ही मॉडल का उपयोग शैक्षिक कार्य में भी किया जा सकेगा।
यह जानकारी देते हुए ऑर्थोपैडिक विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो आशीष कुमार और इस थ्री डी प्रिंटिंग लैब के प्रभारी डॉ धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि यह अपनी तरह की नयी पहल है जिसका उद्देश्य जटिल ऑर्थोपेडिक मामलों के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। लैब का उद्घाटन ऑर्थोपैडिक्स विभाग के प्रमुख प्रोफेसर आशीष कुमार द्वारा किया गया। इस मौके पर उनके साथ लैब प्रभारी डॉ. धर्मेंद्र कुमार भी उपस्थित थे।
उन्होंने बताया कि नव स्थापित उडी प्रिंटिंग लैब को ऑर्थोपेडिक सर्जरी और रोगी देखभाल में जटिल चुनौतियों का समाधान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उन्नत 3 डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करके, प्रयोगशाला सटीक प्रीऑपरेटिव योजना, रोगी-विशिष्ट प्रत्यारोपण के निर्माण और विस्तृत शारीरिक मॉडल को सक्षम बनाती है। यह नवाचार सर्जिकल सटीकता को बढ़ाने, ऑपरेशन के समय को कम करने और रोगी के परिणामों में सुधार करने में सहायक सिद्ध होगा।
प्रोफेसर आशीष कुमार ने इस मील के पत्थर के बारे में बताते हुए कहा कि इस 3 डी प्रिंटिंग लैब की लॉन्चिंग विश्व स्तरीय ऑर्थोपेडिक देखभाल प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह तकनीक हमारे सर्जनों को सबसे जटिल मामलों से भी आत्मविश्वास और सटीकता के साथ निपटने के लिए अद्वितीय उपकरणों के साथ सशक्त बनाती है। हमें इस तकनीकी प्रगति में सबसे आगे होने पर गर्व है।
लैब के प्रभारी डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने लैब के संभावित प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सुविधा हमें सर्जरी का अनुकरण करने और प्रत्येक रोगी की अनूठी शारीरिक रचना के अनुरूप वैयक्तिकृत समाधान बनाने में मददगार है। आर्थोपेडिक्स में 3 डी प्रिंटिंग के अनुप्रयोग व्यापक हैं, जिनमें कॉम्प्लेक्स पेल्विक फ्रैक्चर सहित फ्रैक्चर से लेकर, संयुक्त प्रतिस्थापन का प्रबंधन (कॉम्प्लेक्स टोटल घुटने और हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी) और ट्यूमर रिसेक्शन शामिल हैं। हमारा लक्ष्य रोगी देखभाल में नए मानक स्थापित करना है।
उन्होंने बताया कि लैब स्थापना पर कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए इसकी सफलता की कामना करते हुए मरीजों के लिए हितकारी होने की आशा जतायी है।
3डी प्रिंटिंग लैब के मुख्य लाभ
-शारीरिक मॉडल के साथ उन्नत प्रीऑपरेटिव योजना।
-बेहतर सर्जिकल फिट और कार्य के लिए अनुकूलित प्रोस्थेटिक्स और प्रत्यारोपण।
-परिशुद्धता-संचालित प्रक्रियाओं के कारण पुनर्प्राप्ति समय कम।
-जूनियर डॉक्टर, शोधकर्ता और सर्जनों की शिक्षा और प्रशिक्षण के अवसर।