Friday , April 19 2024

ट्रूनाट से जांच की रिपोर्ट में विलम्‍ब क्‍यों, कर्मचारी नेताओं ने उठाये सवाल

-राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद के महामंत्री की कोरोना जांच का मामला

-बलरामपुर अस्‍पताल में करायी गयी है जांच, रिपोर्ट एक दिन बाद मिलेगी

लखनऊ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री अतुल मिश्रा ने अपने एक संक्रमित साथी के संपर्क में आने के बाद आज कुछ अस्वस्थ महसूस करने के कारण अपरान्‍ह बलरामपुर चिकित्सालय में जाकर ट्रू नाट मशीन से कोरोना की जांच कराई, बताया गया कि 2 घंटे के अंदर आपकी रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी, लेकिन खेद का विषय यह रहा कि बाद में अवगत कराया गया कि रिपोर्ट कल प्राप्त हो सकेगी। जब महामंत्री ने निदेशक बलरामपुर चिकित्सालय से संपर्क किया तो उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की कि रिपोर्ट आज नहीं प्राप्त हो सकेगी, कल ही प्राप्त होगी।

परिषद के प्रमुख उपाध्‍यक्ष सुनील यादव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस स्थिति से वास्तव में ऐसा प्रतीत होता है कि अगर कोरोनावारियर के हर सुख-दुख में खड़ा रहने वाले और उनके लिए संघर्ष करने वाले शीर्ष नेतृत्व की जांच में इस प्रकार विलंब हो रहा है, तो सामान्य व्यक्ति या सामान्य कर्मचारियों या अन्य कोरोना योद्धाओं की क्या स्थिति होगी?

सुनील यादव ने कहा कि कुछ दिन पूर्व मैंने भी मीडिया के साथियों को अवगत कराया था कि मेरी rt-pcr रिपोर्ट चौथे दिन मुझे प्राप्त हो सकी थी। इसके पूर्व लगातार जनपदों से इस तरीके की शिकायतें प्राप्त होती रही हैं, एक साथी जो आजमगढ़ में स्क्रीनिंग में ड्यूटी कर रहे थे उनकी जांच रिपोर्ट आठवें दिन पॉजिटिव आई थी,  8 दिनों में उन्होंने जाने कितने कर्मचारियों या अधिकारियों या आम जनता को संक्रमित किया होगा? निश्चित ही ऐसी संभावना बनती है।

इसी प्रकार उनके परिवार की रिपोर्ट लगभग 10 दिनों तक उन्हें प्राप्त नहीं हुई, ऐसी ही घटना वाराणसी के एक कोरोना योद्धा के साथ हुई। इस प्रकार लगातार जनपदों से इस तरीके की सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं जो कोरोना योद्धाओं के मनोबल को कमजोर कर रही हैं। उन्‍होंने बताया कि आज जब अतुल मिश्रा ने देर शाम मुझसे बात की तो वह प्रकरण से अत्यंत व्यथित थे कि जब राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के शीर्ष नेतृत्व के साथ ऐसा व्यवहार हुआ है तो सामान्य नागरिकों का क्या हो रहा होगा?

आवश्यकता है कि इस बिंदु पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए क्योंकि यदि कोई भी व्यक्ति जो पॉजिटिव होता है और वह अपनी रिपोर्ट का इंतजार 4 या 5 दिन करेगा तो निश्चित रूप से इस बीच इस रोग का प्रसार तमाम सारे लोगों में कर देगा और शायद यह भी एक कारण है कि प्रदेश में मरीजों की संख्या बढ़ती चली जा रही है।  निश्चित रूप से एक स्थायी नीति बनाने की आवश्यकता है जिसमें जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द प्राप्त हो सके।

उन्‍होंने कहा कि इसके साथ ही कोरोना वारियर्स के लिए अलग से व्यवस्था किया जाना अत्यंत आवश्यक है अन्यथा की स्थिति में जिस प्रकार लगातार जनपदों से चिकित्सक एवं अन्य पैरामेडिकल संक्रमित होते चले जा रहे हैं ईश्वर ना करें ऐसा दिन आए कि चिकित्सालय में अधिकारी और कर्मचारी सभी संक्रमित होकर पड़े रहें और इलाज के लिए जनता को कोई ना मिले। इसी प्रकार अनेक कर्मचारी जो कोरोना में कार्य कर रहे हैं, संक्रमित होने के उपरांत उन्हें चिकित्सालय में बेड प्राप्त नहीं हो रहा है। परिषद ने पहले भी यह मांग की थी कि कोरोना योद्धाओ के लिए हर चिकित्सालय में बेड आरक्षित किया जाए, लेकिन अभी तक उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। उन्‍होंने कहा कि मैं सभी अधिकारियों एवं सरकार से पुनः अनुरोध करता हूं कि कृपया कोरोनावारियर्स के लिए अलग से निर्देश निर्गत करने का कष्ट करें, जिससे उनका मनोबल न टूटने पाए।