अनएक्सप्लेन इनफर्टिलिटी के 60 फीसदी केस में इक्सी से मिल जाती है सफलता
लखनऊ। संतानहीनता यानी बांझपन की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। संतानहीनता के लिए पति-पत्नी दोनों ही जिम्मेदार हो सकते हैं लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि सभी टेस्ट सही आते हैं लेकिन फिर भी गर्भ ठहर नहीं पाता है, ऐसी स्थिति में इक्सी ICSI (Intra cytoplasmic sperm injection) टेक्निक से संतान पैदा करना सबसे सफल उपाय है। उन्होंने बताया कि इस तरह के 60 फीसदी केस में देखा गया है कि इक्सी अपनाने के बाद गर्भ धारण करने में दिक्कत नहीं आयी।
यह सलाह इंदौर से आयीं आईवीएफ स्पेशियलिस्ट डॉ जयाश्री श्रीधर ने यहां लखनऊ ऑब्स एंड गायनेकोलॉजिस्ट सोसाइटी और मॉर्फिअस लखनऊ फर्टिलिटी सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में बांझ रोग कारण और निवारण विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में दी।
अपनी प्रस्तुति में उन्होंने बताया कि कई बार इस तरह की परिस्थितियां आ जाती हैं कि जांच रिपोर्ट नॉर्मल होने के बावजूद पत्नी गर्भ धारण नहीं कर पाती है। इलाज करने वाली डॉक्टर भी पशोपेश में पड़ जाती हैं कि क्या किया जाये। उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में बिना समय गंवाये चिकित्सक को चाहिये कि वे जोड़ों को सलाह दें कि वे इक्सी विधि से संतान प्राप्त करने का रास्ता चुनें।
क्या होती है इक्सी विधि
लैब में की जाने वाली इस इक्सी विधि में पति के अंडकोष से निकालकर एक स्पर्म को पत्नी के अंडे में प्रवेश कराने की प्रक्रिया की जाती है। स्पर्म के प्रवेश कराने के बाद भ्रूण विकसित किया जाता है। विकसित भ्रूण को पत्नी के गर्भाशय में डाल दिया जाता है इसके बाद भ्रूण का उसी तरह विकास होता है जैसे नॉर्मल विधि में होता है।