Friday , November 22 2024

जब तक 60 प्रतिशत वैक्‍सीनेशन नहीं, तब तक सावधानी बरतने से रिलेक्‍सेशन नहीं

-कोरोना पर राज्‍य स्‍तरीय मीडिया कार्यशाला में डॉ सूर्यकांत ने दी सलाह

-बच्‍चों के संक्रमण पर जानकारी दी डॉ पियाली भट्टाचार्य ने

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। भारत में कोरोना का असर कम हो रहा है, टीकाकरण शुरू हो चुका है, जाहिर है लोग भी अब पहले से सहज महसूस कर रहे हैं, वे कम्‍फर्ट जोन में आ चुके हैं, कोरोना का तनाव, जो दिलों पर छाया हुआ था, वह समाप्‍त हो रहा है, क्‍योंकि आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि कोरोना देश से समाप्ति की ओर है। लोग तनावरहित हो रहे हैं, यह अच्‍छी बात है, लेकिन तनावरहित होने का अर्थ लापरवाह होना कतई नहीं है, क्‍योंकि कोरोना अभी समाप्‍त नहीं हुआ है, साथ ही वैक्‍सीनेशन अभी कुछ लोगों को ही लग पायी है। मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि 130 करोड़ की जनसंख्‍या वाले भारत में जब तक 60 से 70 प्रतिशत लोगों को कोरोना का टीका नहीं लग जाता है यानी हर्ड इम्‍यूनिटी होने तक सावधानी तो बरतनी ही होगी। इन सावधानियों में हाथ और गले न मिलना, मास्‍क लगाना, बार-बार हाथ धोना, आपस में दूरी बनाये रखना शामिल है।

यह बात बुधवार को होटल फॉर्च्‍यून में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित राज्यस्तरीय मीडिया कार्यशाला में इस मौके पर केजीएमयू के रेस्पेरेट्री मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष व टीकाकरण के ब्रांड ऐम्‍बेसडर डॉ सूर्य कान्त ने कही। उन्‍होंने कोविड टीकाकरण के बाद शरीर में होने वाले प्रभाव के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हुए कहा कि मैं खुद इसका गवाह हूं, मुझे पहला डोज 16 जनवरी को लगा था तथा दूसरा अभी 15 फरवरी को लगा है, अब तक मुझे किसी प्रकार की कोई समस्‍या नहीं आयी। उन्होंने कहा कि अब इस कोविड टीकाकरण अभियान को हम सभी को जश्न के रूप में मनाना चाहिए लेकिन इस जश्न में कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन अवश्य करें।

संक्रमित बच्‍चों की संख्‍या को लेकर तस्‍वीर अभी साफ नहीं : डॉ पियाली भट्टाचार्य

इस मौके पर संजय गांधी पीजीआई की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ पियाली भट्टाचार्य ने बताया कि अन्य देशों में हर तीन संक्रमित बच्चों में से एक बच्चे को आईसीयू की जरूरत पड़ रही है। वहीं भारत में भी बच्चों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है जिनमें कि वयस्कों के बराबर ही संक्रमण है, लेकिन अपने यहां कितने बच्चे संक्रमित हैं इस पर अभी और काम होना है। इसलिए खतरा अभी टला नहीं है। उन्होंने बताया कि अब स्कूल भी खुल गए हैं। इनमें ऐसे बच्चे भी होंगे जिनको कोविड का लक्षण नहीं है लेकिन वह कोविड मरीज के संपर्क में रहे हैं। ऐसे बच्चों को स्कूल नहीं जाना चाहिए।