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लिगामेंट की चोट से बचने के लिए हाइट और वेट के अनुसार करें खेलों का चुनाव

o लिगामेंट की चोट एक्‍सरे में नहीं आती है इसलिए कराना चाहिये एमआरआई
o कम खर्च में जल्‍दी और ज्‍यादा आराम के लिए करानी चाहिये ऑर्थोस्‍कोपी सर्जरी
प्रो आशीष कुमार

लखनऊ। हाथ-पैर के छहों जोड़ों यानी कंधा, कुहनी, कलाई, कूल्‍हा, घुटना और एड़ी में खिंचाव होने से चोट लगे तो उसे हड्डी रोग विशेषज्ञ से सम्‍पर्क करना चाहिये, बहुत बार ऐसा होता है कि चोट लिगामेंट फटने से लगी होती है लेकिन वह एक्‍स रे में नहीं आती है, ऐसे में हमेशा एमआरआई से जरूर जांच करानी चाहिये। इसे सर्जरी से ठीक किया जा सकता है, इसकी सर्जरी ओपन न करके दूरबीन विधि से करानी चाहिये, ओपन के मुकाबले आॉर्थोस्‍कोपी से सर्जरी ज्‍यादा लाभदायक है।

डॉ स्वर्णेन्दु सामंता

यह बात यहां अटल बिहारी साइंटिफि‍क कन्‍वेंशन सेंटर में आज शनिवार से शुरू हुए दो दिवसीय ‘ऑर्थोस्‍कोपी कॉनक्‍लेव-2019 एवं कैडेवरिक नी एंड शोल्‍डर कोर्स में कोलकाता से हिस्‍सा लेने आये इंडियन ऑर्थोस्‍कोपी सोसाइटी के नेशनल सेक्रेटरी डॉ स्‍वर्णेन्‍दु सामंता ने कही। उन्‍होंने ऑर्थोस्‍कोपी सर्जरी के लाभ बताते हुए कहा कि इसमें चार-चार सेंटीमेंटर के दो छोटे चीरों से काम चल जाता है। सिर्फ दो चीरे होने के कारण मरीज दूसरे दिन घर जा सकता है। यही नहीं उसे एंटीबायटिक्‍स भी ज्‍यादा नहीं देनी पड़ती है, अस्‍पताल से अगले दिन छुट्टी मिलने के कारण बेड का खर्च भी ज्‍यादा नहीं आता है, छोटे छेद होने के कारण मरीज को दर्द भी नहीं होता है। उसे नौकरी से ज्‍यादा छुट्टी नहीं लेनी होती है, इसके अलावा निशान भी नहीं पड़ता है जो कि ओपन सर्जरी में पड़ जाता है। उन्‍होंने बताया कि ऑर्थोस्‍कोपी से सर्जरी के समय उस स्‍थान को तीस गुना बड़ा देखने की सुविधा होने के कारण सर्जरी बहुत सफाई से हो जाती है। पहले दिन हुईं लाइव सर्जरी का सीधा प्रसारण हॉल में बड़े पर्दे पर दिख रहा था, सर्जरी की बारीकी समझायी जा रही थी, और प्रतिभागी सर्जरी के बारे में पूछकर अपने प्रश्‍नों का उत्‍तर भी पा रहे थे।

कार्यक्रम के आयोजन सचिव प्रो आशीष कुमार ने बताया कि खेलने के दौरान अक्‍सर जोड़ों के लिगामेंट फट जाते हैं। इसकी एक बहुत बड़ी वजह खेलों का चुनाव है। हमेशा खेल का चुनाव हाइट और वेट (अपनी ऊंचाई और वजन) के अनुसार करना चाहिये। उन्‍होंने उदाहरण देते हुए  कहा कि जैसे फुटबॉल, लॉन्‍ग जम्‍प खेलों में अक्‍सर लिगामेंट फट जाते हैं। उन्‍होंने बताया कि इस तरह की चोट लगने पर उस स्‍थान पर बर्फ लगायें तथा जोड़ पर कसकर कपड़ा बांध दें। उन्‍होंने बताया कि कॉन्‍क्‍लेव के दूसरे दिन रविवार को प्रतिभागियों को कैडेवर पर सर्जरी सिखायी जायेगी।

इस समारोह का औपचारिक उद्घाटन मुख्‍य अतिथि लोहिया संस्‍थान के निदेशक प्रो एके त्रिपाठी ने किया। उन्‍होंने ऐसे आयोजनों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे नयी-नयी तकनीक को जानने का मौका मिलता है। इस मौके पर केजीएमयू के ऑर्थोपैडिक विभाग के विभागाध्‍यक्ष प्रो विनीत शर्मा, ऑर्थोस्‍कोपी एसोसिएशन यूपी के अध्‍यक्ष डॉ संजय कुमार श्रीवास्‍तव, डॉ अनूप अग्रवाल, लखनऊ ऑर्थोपैडिक सोसाइटी के अध्‍यक्ष डॉ एके श्रीवास्‍तव, डॉ ओपी सिंह भी उपस्थित रहे।