-समापन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ अम्मार रिजवी ने साझा किये होम्योपैथी के साथ अपने अनुभव
सेहत टाइम्स
लखनऊ। देश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही ग्रीस से आये होम्योपैथिक चिकित्सकों के शोध पत्रों की प्रस्तुति के साथ ही साथ ही हैनीमैन एजुकेशनल एंड डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय होम्योपैथिक सम्मेलन होमकॉन 2025 समाप्त हो गया। समापन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ अम्मार रिजवी (पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार) ने होम्योपैथी पर अपने अनुभवों को साझा किया और प्रदेश सरकार से होम्योपैथिक का व्यापक विकास करने की अपील की।
आयोजन सचिव डॉ आशीष वर्मा ने बताया कि दूसरे दिन सत्र के अध्यक्ष अनूप कुमार गुप्ता, सदस्य विधान परिषद एवं प्रदेश महामंत्री भारतीय जनता पार्टी ने सफल आयोजन के लिए आयोजकों अध्यक्ष डॉ शिवली मजहर और सचिव डॉ आशीष वर्मा को बधाई देते हुए शासन स्तर पर होम्योपैथी के विकास एवं प्रचार-प्रसार के लिए अपना योगदान देने के लिए आश्वस्त किया। विशिष्ट अतिथि मुख्य स्थाई अधिवक्ता उत्तर प्रदेश सरकार प्रशांत सिंह अटल ने होम्योपैथिक चिकित्सा को हानिकारक प्रभाव रहित बताया एवं कम खर्च में उपचार के लिए सभी होम्योपैथिक चिकित्सकों की प्रशंसा की। विशिष्ट अतिथि डॉ प्रियंका मौर्या सदस्य महिला आयोग जो कि स्वयं भी एक होम्योपैथिक चिकित्सक हैं, ने चिकित्सकों को पूर्ण समर्पण सद्भाव एवं करुणा से मरीजों की सेवा करने की आशा व्यक्त की। मंच का संचालन डॉ बृजेश कुमार गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में लखनऊ के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ पीयूष शुक्ला भी मौजूद रहे।
उन्होंने बताया कि दूसरे दिन वैज्ञानिक सत्र में ग्रीस से आये डॉ कोस्टास ने साइको न्यूरोटिक डिसऑर्डर पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। ऑटिज्म और होम्योपैथिक उपचार पर डॉ बत्रा अकादमी के डॉ समीर चोकर ने विस्तृत प्रकाश डाला और ऑटिज्म के होम्योपैथिक उपचार की विशेषताएं बताई।
पेट में होने वाली गांठों पर डॉ अविनाश श्रीवास्तव ने शोध पत्र प्रस्तुत किया। मुंबई के होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ फारूक जे. मास्टर और डॉ एम एस बिंद्रा ने कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर के होम्योपैथिक उपचार का शोध पत्र प्रस्तुत किया। डॉ अरविंद मेहता एवं डॉ आरके सिंह ने बांझपन में होम्योपैथिक इलाज की सफलता को रेखांकित किया। डॉ अनीता चावला ने महिलाओं में होने वाली ओवरी की गांठों (PCOS) के उपचार पर अपना शोध प्रस्तुत किया। इसके अलावा आयुषी खत्री ने हिपटोमा, डॉ शैलेंद्र कौशिक ने granuloma पर अपने शोध प्रस्तुत किया। डॉ मनीष कुमार तिवारी ने एंडोक्राइन डिसऑर्डर में होम्योपैथिक उपचार की महत्व पर प्रकाश डाला।


