-असामान्य परिवर्तनों से जीव जगत के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा
-विश्व पर्यावरण दिवस पर केजीएमयू के पैरामेडिकल साइंस विभाग ने आयोजित किया कार्यक्रम

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। पर्यावरण में पिछले कुछ वर्षों से कई तरह के असामान्य और अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। ये परिवर्तन प्रकृति के प्रमुख घटकों जल, जंगल, जमीन और समस्त वायुमंडल को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं।
यह बात किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ में पैरामेडिकल विज्ञान संकाय द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में पैरामेडिकल विज्ञान संकाय के डीन एवं सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ विनोद जैन ने कही। ऑनलाइन आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह परिवर्तनों के चलते दुष्प्रभाव इतना तीव्र है कि जिसके कारण पृथ्वी व इसके वायुमंडल और संपूर्ण जीव जगत के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।
उन्होंने पर्यावरण में सुधार लाने के लिए 3 विशेष बिंदुओं में तीन आर (1)Reimagine, पुनर्कल्पना (2) Recreat, पुनर्सृजन(3) Restore बहाल बताये। उन्होंने कहा कि इसकी इस वर्ष की थीम पारिस्थितिक तंत्र की पुनर्बहाली है इसे पारिस्थितिकी तंत्र बहाली भी कहा जाता है। साफ शब्दों में कहे तो इसका मतलब पृथ्वी को एक बार फिर से अच्छी अवस्था में लाना है।
डॉ विनोद जैन ने कहा कि इस दिन को मनाने का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना और पर्यावरण को सुरक्षित रखना है। उन्होंने बताया कि आज प्रातः 8 से 9 बजे के बीच पैरामेडिकल के छात्र-छात्राओं द्वारा लगभग 400 पौधों का रोपण किया गया।
इस अवसर पर फैकल्टी ऑफ़ पैरामेडिकल साइंसेस विवेक गुप्ता द्वारा पैरामेडिकल के छात्र-छात्राओं को बताया कि प्रकृति में असंतुलन उत्पन्न होने से जीवों का अस्तित्व संकट में आ सकता है। उन्होंने कहा चिलका झील जैसी बहुत सारी झीलों, नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है,जो कि खतरे का संकेत है, इसलिए पर्यावरण को सुरक्षित रखना चाहिए एवं इसके लिए बनाए गए कानूनों का पालन करना चाहिए। कार्यक्रम डा0 विनोद जैन के नेतृत्व में सोनिया शुक्ला द्वारा संचालित किया गया। कार्यक्रम के सफल संचालन में वीनू दुबे, राघवेन्द्र शर्मा, प्रह्लाद मौर्या एवं शिवांगम गिरी का विशेष योगदान रहा।

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