त्वचा कैंसर से जूझ रहे बेटे के इलाज के लिए पैसे नहीं हैं उसके पास
लखनऊ. एक माँ जो अपने बच्चे को नौ माह पेट में रखती है. वह अपने कलेजे के टुकड़े के लिए मौत मांग सकती है ? शायद नहीं, लेकिन यदि वह मौत मांग रही है तो यह बड़ी बात होगी. उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक मां ऐसी भी है जो अब अपने बेटे के लिए मौत की दुआ कर रही है. इस माँ ने अपने बेटे को इच्छामृत्यु देने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गुहार लगाई है. राष्ट्रपति बनने के बाद देश के प्रथम नागरिक रामनाथ कोविंद पहली बार आज कानपुर में हैं.
कानपुर की इस महिला का 10 साल का बेटा त्वचा कैंसर से पीड़ित है. महिला ने उसे कई अस्पतालों में दिखाया लेकिन इलाज की कीमत काफी ज्यादा है. उसकी आर्थिक स्थित ठीक नहीं है होने के कारण वह अपने बेटे का इलाज करा पाने में सक्षम नहीं है.
अपने बेटे के दर्द को कम करने का कोई रास्ता न मिलते देख महिला ने देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर उसने अपने बेटे के लिए इच्छामृत्यु की मांग की है. उसने बताया है कि इलाज का खर्च बहुत अधिक है जिसे वहन कर पाने में वह समर्थ नहीं है. इसलिए कैंसर से जूझ रहे उसके बेटे को इच्छामृत्यु दी जाए.
महिला का नाम जानकी है जो कि कानपुर की रहने वाली है। जानकी ने बताया कि उसके बेटे को त्वचा का कैंसर है। वह उसे लेकर इलाज के लिए डॉक्टर के पास गई थी। डॉक्टर ने जानकी से दस हजार रुपए की मांग की। उसने जानकी से कहा कि अगर वह पैसा देती है तो वह उसके बेटे का इलाज करेगा जबकि जानकी उसे अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में बता चुकी थी।
इसके बाद जानकी ने बेटे के इलाज के लिए जिला मजिस्ट्रेट, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, जिलाधिकारी, कलेक्टर और विधायक नीलिमा कटियार से भी संपर्क किया। जब किसी ने भी जानकी की नहीं सुनी तो विधायक नीलिमा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को पत्र लिखकर राज्य कोष में से जानकी की मदद करने के लिए विनती की। कटियार द्वारा यह पत्र 14 मई को लिखा गया था जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.
जानकी के पास न तो कोई नौकरी है और न ही कोई घर है। वह महंत अमरनाथपुरी के संरक्षण में रह रही है, जो कि उसकी पिछले चार साल से मदद कर रहे हैं। अमरनाथपुरी के अनुसार सरकार से उन्हें पिछले पांच-छह महीनों से कोई मदद नहीं मिली है और वे चैरिटी के जरिए ही जानकी के बेटे के लिए दवाई का इंतजाम कर रहे हैं। बेटे को पर्याप्त इलाज न मिलने से परेशान होकर जानकी अपने बेटे को और दर्द में तड़पता हुआ नहीं देखना चाहती। उसे जैसे ही पता चला कि आज यानि 15 सितंबर को राष्ट्रपति कोविंद कानपुर दौरे पर आ रहे हैं तो उसने अपने बच्चे के लिए इच्छा मृत्यु की मांग करते हुए पत्र लिख दिया।