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ऑक्‍सीटोसिन से लौकी के फलों में एकाएक वृद्धि की बात कपोल कल्पित

उद्यान निदेशक ने कहा, चोटिल हो जाते हैं ऑक्‍सीटोसिन लगे फल

 

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के उद्यान निदेशक एसबी शर्मा ने ऑक्‍सीटोसिन इंजेक्‍शन से होने वाली लौकी के फलों में एकाएक वृद्धि को कपोल कल्पित बताते हुए कहा है कि यह भ्रामक दुष्‍प्रचार है।

एसबी शर्मा ने बताया कि लौकी शोध पर ख्यातिलब्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर शिव पूजन सिंह, जिन्हें लौकी पुरूष के नाम से भी जाना जाता है, ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया है कि इन्जेक्शन की सुई से कोई भी तरल पदार्थ लौकी के फलों या तनों में प्रविष्टि नहीं होता। उन्‍होंने बताया कि प्रोफेसर सिंह ने लौकी की कुल नौ प्रजातियों, जिसमें 7 फीट लम्बी ‘‘नरेन्द्र शिवानी’’ भी सम्मिलित है, काशीफल की चार, परवल की तीन एवं करेले की एक प्रजातियों को विकसित करने के साथ ही लतावर्गीय सब्जियों की उत्पादन तकनीक विकसित करने का श्रेय भी प्राप्त है।

उद्यान निदेशक ने बताया कि प्रो0 सिंह ने ऑक्सीटोसिन इन्जेक्शन से होने वाली लौकी के फलों में एकाएक ‘वृद्धि और उत्पादन’ में बढ़ोत्तरी पर बताया कि यह मात्र कपोल कल्पित एवं भ्रामक दुष्प्रचार है, जिससे लौकी उपभोक्ताओं और लौकी उत्पादक किसानों दोनों के हितों को कुप्रभावित किया है। उन्‍होंने बताया कि पंजाब कृषि विश्व विद्यालय, लुधियाना, तमिलनाडु कृषि विश्व विद्यालय, कोयम्बटूर, चैधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्व विद्यालय, हिसार और नरेन्द्र देव कृषि विश्व विद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या में किये गये प्रयोगों का हवाला देते हुए बताया कि ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगे फल चोटिल हो जाने से ढंग से विकसित नहीं होते और पैदावार कम हो जाती हैं, उन्‍होंने अपने विस्तृत अनुभव के आधार पर यह भी बताया कि आज तक उन्हें ऐसा कोई किसान या अन्य कृषिकर्ता नहीं मिला जिसने कभी आक्सीटोसिन का प्रयोग किया हो।