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अर्हता के निर्धारण को लेकर उच्‍चतर सेवा आयोग को परीक्षण के निर्देश

-सहायक प्राध्‍यापक पद के लिए मांगी गयी अर्हता में छूट गये तीन विषय

-अभ्‍यर्थियों ने उप मुख्‍यमंत्री से मिलकर पूर्व के निर्णय का दिया हवाला

डॉ दिनेश शर्मा

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग द्वारा जंतु विज्ञान तथा वनस्पति विज्ञान के सहायक प्राध्यापक पदों पर नियुक्तियों के लिए मांगे गये आवेदनों में बायोटेक्नोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी विषयों के परास्नातक अभ्यर्थियों को सम्मिलित न किए जाने को लेकर अभ्यर्थियों ने उप मुख्‍यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा से आयोग द्वारा पूर्व में लिये गये फैसले और पूर्व में निकाले गये विज्ञापन के अनुसार इस वर्ग के पात्र लोगों को भी अर्हता देने का अनुरोध किया है। डॉ शर्मा ने इन अभ्यर्थियों को आश्वासन देते हुए आयोग के अध्‍यक्ष को प्रकरण के परीक्षण के निर्देश दिये हैं।

एकेटीयू, केजीएमयू और संजय गांधी पीजीआई से जुड़े तीन अभ्यर्थियों द्वारा डॉ शर्मा से मिलकर उनको सौंपे पत्र में कहा गया है कि बीती 25 फरवरी को आयोग द्वारा सहायक प्राध्यापक के पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं इसमें बायोटेक्नोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी को वनस्पति विज्ञान एवं जंतु विज्ञान विषय में सहायक प्राध्यापक पद की पात्रता में कोई स्थान नहीं दिया गया है। अभ्यर्थियों ने अपने पत्र में कहा है कि‍ जबकि इसी आयोग ने 11 जुलाई 2016 को जारी विज्ञप्ति में बताया था कि इन विषयों को स्पष्ट रूप से विषय विशेषज्ञों के द्वारा पात्रता प्रदान की जा चुकी है।

तीनों अभ्यर्थियों ने 1 मार्च को डॉ दिनेश शर्मा से मुलाकात कर उन्हें बताया कि‍ विभिन्न राज्यों के लोक सेवा आयोग जैसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्तियों में एलाइड विषयों को वनस्पति विज्ञान एवं जंतु विज्ञान विषयों में स्पष्ट रूप से स्थान दिया गया है।

पत्र में लिखा गया है कि इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अपने नवीनतम राजपत्र 2018 में सहायक प्राध्यापक पद के लिए पात्रता मानदंडों में भी बदलाव कराते हुए एलाइड विषयों को मुख्य विषय में अर्ह किया है। अभ्यर्थियों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि सीएसआईआर यूजीसी द्वारा आयोजित नेट परीक्षा सभी विषयों की संयुक्त रूप से लाइफ साइंसेज के नाम से आयोजित की जाती है, जो प्रमाणित करती है कि व्यक्ति इन सभी विषयों के अध्यापन के लिए पात्र है। अभ्यर्थियों ने मांग की है कि आयोग लिखित परीक्षा के माध्यम से नियुक्ति करा रहा है इसलिए हम सभी लोगों को मौका मिलना चाहिए।