न्यू यूनाइटेड हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर में मिली खामियां, पंजीकरण कैंसल
लखनऊ। न्यू यूनाइटेड हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर में जिस मरीज की मौत के बाद हंगामा हुआ था, उसकी सर्जरी डॉ राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय के निलंबित सर्जन ने की थी, परिजनों ने इलाज में लापरवाही के साथ ही मौत के बाद भी झूठा इलाज जारी रखने का आरोप लगाया था। अब इस चिकित्सक के बारे में उच्च अधिकारियों को सूचित करने के साथ ही मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को भी सूचित किया जायेगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जीएस बाजपेयी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कल हुई रामचन्द्र की मौत को लेकर लापरवाही के आरोपों की जांच के लिए सीएमओ आफिस से डॉक्टरों की टीम डॉ बाजपेयी, डॉ रावत और डॉ राजेन्द्र चौधरी ने केशव नगर पुलिस चौकी के पास स्थित न्यू यूनाइटेड हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेन्टर का दौरा किया तो वहां छह मरीज भर्ती मिले। जिन डॉक्टरों की देखरेख में इन मरीजों का इलाज चल रहा था वे हैं ऑर्थोपैडिक के डॉ कुणाल भल्ला, फिजीशियन डॉ कोमल गुप्ता, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ निधि कटियार, कान, नाक, गले के डॉ नितिन जोशी तथा ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ नीरज टंडन।
सीएमओ ने बताया कि लेकिन ये सभी चिकित्सक अस्पताल के उस रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हैं जो अस्पताल ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में दिये हैं। यह गड़बड़ी सामने आने के बाद अस्पताल का रजिस्ट्रेशन कैंसल कर दिया गया है।
सीएमओ ने बताया कि अस्पताल को निर्देश दिये गये हैं कि अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज पूर्व की तरह जारी रखा जाये और मरीजों को किसी दूसरे अस्पताल में शिफ्ट न किया जाये, न ही इनके जरूरी उपचार में कोई फर्क आये। उन्होंने बताया कि निरीक्षण के समय अस्पताल में कोई भी प्रशिक्षित इमरजेंसी मेडिकल ऑफीसर और प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ नहीं मिला।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि पूछताछ पर हॉस्पिटल के मालिक एसएमजे अशरफ ने बताया कि जिस राम चन्द्र नाम के व्यक्ति की कल मृत्यु हो गयी थी उसकी सर्जरी लोहिया संयुक्त चिकित्सालय के निलंबित चिकित्सक डॉ एके श्रीवास्तव ने की थी। इस बारे में उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि डॉ श्रीवास्तव के बारे में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को भी लिखा जायेगा। माना जा रहा है कि डॉक्टर के लाइसेंस पर भी एमसीआई द्वारा कार्रवाई की जा सकती है।