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बिना चीरफाड़ जांघ के रास्‍ते से तार डालकर कर दी मुख्‍य धमनी की सर्जरी

-केजीएमयू में एंडोवास्‍कुलर प्रक्रिया TEVAR से उपचार कर मरीजों को जानलेवा स्थिति से बचाया

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय में TEVAR यानी थोरेसिक एंडोवास्‍कुलर एओर्टिक रिपेयर प्रक्रिया से दो मरीजों की महाधमनी का यहां के चिकित्‍सकों ने इलाज करके उन्‍हें ठीक करने में सफलता प्राप्‍त की है, इस तरह से मरीजों की बिना ओपन सर्जरी किये उनकी धमनी को बचाने में सफलता मिली है।

चिकित्‍सकों के अनुसार महाधमनी शरीर की मुख्य धमनी है जो शरीर के सभी अंगों को रक्त की आपूर्ति करती है। हाई ब्‍लड प्रेशर या किसी भी अन्‍य बीमारी के चलते जब यह महाधमनी टूट जाती है तो फि‍र रक्‍तस्राव होता है भारी मात्रा में रक्‍तस्राव होने से मरीज की मौत भी हो सकती है। पूर्व में इन स्थितियों के उपचार के लिए ओपन सर्जरी की आवश्‍यकता पड़ती थी, जिसमें मृत्‍यु दर अधिक थी, लेकिन अब जांघ में एक छोटे सा छेद करके उसके सहारे टूटी हुई मुख्‍य धमनी तक पहुंच कर उसे रिपेयर कर दिया जाता है।  

केजीएमयू में पिछले दिनों वाराणसी से रेफर किया गया 45 वर्षीय पुरुष  पेट में दर्द की शिकायत के साथ केजीएमयू आया, यहां रेडियोडायग्नोसिस विभाग में 128 स्लाइस सीटी स्कैन पर सीटी एंजियोग्राफी पर टाइप बी महाधमनी के विच्छेदन होने का पता चला। इसके बाद इस मरीज का इसी TEVAR विधि से उपचार किया गया था छह माह बाद अब रोगी ठीक है।

एक और 54 वर्षीय महिला रोगी को खांसी और सीने में दर्द के साथ भारी रक्तस्राव हुआ।  सीटी एंजियोग्राफी ने थोरैसिक महाधमनी में डैमेज दिखायी दिया। इस महिला का भी TEVAR प्रक्रिया से इलाज किया गया तीन माह से महिला अब ठीक है।

इस प्रक्रिया में रेडियोलॉजी टीम में मेजर (डॉ.) नितिन अरुण दीक्षित, डॉ सौरभ कुमार, डॉ सिद्धार्थ मिश्रा, डॉ अनीत परिहार और डॉ मनोज कुमार शामिल थे। जबकि इन मामलों में प्री ऑपरेटिव और पोस्‍ट ऑपरेटिव देखभाल पल्मोनरी क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्‍यक्ष डॉ वेद प्रकाश द्वारा की गयी। इनके अलावा एनेस्थीसिया टीम और सीटीवीएस विभाग द्वारा इंट्रा सेशन सहायता प्रदान की गई।

कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ.) बिपिन पुरी ने इंटरवेंशन रेडियोलॉजी प्रक्रियाओं द्वारा इन जटिल महाधमनी मामलों के बहु-विशेषज्ञ समन्वित न्यूनतम इनवेसिव उपचार के लिए पूरी टीम को बधाई दी है।  

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