-केजीएमयू के कर्मचारियों की व्यथा पर कुलसचिव गंभीर, सीएमएस व एमएस को भेजा पत्र
सेहत टाइम्स
लखनऊ। उपचार की अन्य सुविधाएं तो दूर, जैसे-तैसे एक दवा की सुविधा हमें प्रशासन की तरफ से मिल रही थी लेकिन पिछले 6 माह से यह भी बंद होती नजर आ रही है।… यह व्यथा है किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की। केजीएमयू की कुलसचिव रेखा एस चौहान के पास पहुंची इस व्यथा पर उन्होंने सक्रियता दिखाते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और चिकित्सा अधीक्षक को पत्र लिखकर इस विषय में तुरंत जवाब मांगा है।
कुलसचिव के पत्र में कर्मचारी परिषद केजीएमयू के अध्यक्ष विकास सिंह और महामंत्री अनिल कुमार के पत्र का हवाला देते हुए सीएमएस और एमएस दोनों अधिकारियों को भेजे पत्र में लिखा है कि कर्मचारियों एवं चिकित्सकों तथा उन पर आश्रित के उपचार के लिए एलपी यानी लोकल परचेज से मिलने वाली दवाएं पिछले लगभग 6 माह से उपलब्ध नहीं हो रही हैं। चिकित्सा विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को दवाइयों से पृथक अन्य कोई भी सुविधा मुहैया नहीं कराई जाती है किंतु पिछले 6 माह से इन दवाइयों पर भी अंकुश लगता नजर आ रहा है।
पत्र में लिखा है कि इस बाबत कर्मचारियों की ओर से कई बार अनुरोध किया गया है लेकिन कर्मचारियों को सही समय से दवा की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। पत्र में सीनियर एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट के पत्र का भी हवाला दिया गया है जिसमें उनके पुत्र के नेत्र विभाग में चल रहे इलाज में विभाग द्वारा लिखी गयी दवाएं 13 दिनों बाद भी नहीं मिल पायी हैं।
कर्मचारियों के पत्र के हवाले से कुलसचिव ने यह भी कहा है कि कर्मचारियों ने 1 सप्ताह के अंदर दवा की व्यवस्था ठीक न होने पर चिकित्सा अधीक्षक एवं इंपैक्स इंडिया का घेराव करने की चेतावनी दी है।