केजीएमयू के ऐनेस्थीसियोलॉजी विभाग की अब पैलिएटिव केयर को विस्तार देने की तैयारी
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। कहावत है कि जाके पैर न फटी बिवाई, वह क्या जाने पीर पराई…लेकिन दूसरों के दर्द को महसूस करके उसे कम करने की कवायद में लगे केजीएमयू के ऐनेस्थीसियोलॉजी विभाग ने पेन क्लीनिक के संचालन के बाद अब पैलिएटिव केयर की दिशा में कार्य करने की योजना बना रहा है। इसी संदर्भ में विभाग द्वारा शनिवार को एक सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा) का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य वक्ता एवं मुख्य अतिथि के रूप में केरल के त्रिवेन्द्रम स्थित त्रिवेन्द्रम इंस्टीट्यूट ऑफ पैलिएटिव साइंसेज के चेयरमैन डॉ एमआर राजगोपाल मौजूद रहे।
डॉ राजगोपाल ने बताया कि असाध्य बीमारियों से ग्रस्त वे मरीज जो बिस्तर पर पड़े-पड़े इलाज कराने पर मजबूर हैं, भारत की बात करें तो ऐसे लोगों की संख्या करीब एक करोड़ है, बिस्तर पर पड़े-पड़े आंखों में मौत का खौफ लेकर जीने वाले इन मरीजों को राहत भरी जिंदगी देने को ही पैलिएटिव केयर का नाम दिया गया है। चिंता की बात यह है कि मौजूदा समय में पैलिएटिव केयर देकर उम्र के अंतिम पड़ाव में कष्टरहित जीवन सिर्फ दो प्रतिशत से भी कम लोगों को दे पाना संभव हो पा रहा है, इसलिए जरूरत इस बात की है, पैलिएटिव केयर की सुविधा ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों तक पहुंच सके।
केरल के रहने वाले डॉ राजगोपाल से जब केरल में इसकी स्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि केरल में प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पैलिएटिव केयर देने वाली कम से कम एक नर्स अवश्य तैनात है, ये नर्स घरों में भी जाकर विजिट करती हैं और घरों में बेड पर इलाज करा रहे मरीजों को कष्टरहित जिन्दगी देने का कार्य करती हैं।
इस मौके पर उपस्थित कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने ऐनेस्थीसियोलॉजी विभाग द्वारा पैलिएटिव केयर पर सीएमई के आयोजन की सराहना करते हुए इस दिशा में कार्य किये जाने की जरूरत बतायी।
इस बारे में ऐनेस्थीसियोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अनीता मलिक ने बताया कि हमारी कोशिश है कि पेन क्लीनिक की भांति हमारा विभाग पैलिएटिव केयर के क्षेत्र में भी विस्तार से कार्य कर सके। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि पैलिएटिव केयर की शुरुआत संगठित तरीके से की जाये, इससे न सिर्फ पहले से तैनात चिकित्सक, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जाये बल्कि एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी, केजीएमयू में चल रहे पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट, नर्सिंग इंस्टीट्यूट के विद्यार्थियों को भी इसका प्रशिक्षण दिया जाये ताकि इसका सामूहिक रूप से विस्तार किया जा सके।
सीएमई की आयोजन सचिव डॉ सरिता सिंह ने बताया कि वैसे तो कैंसर के मरीजों के लिए पैलिएटिव केयर का कार्य केजीएमयू में हो रहा है लेकिन इसे और संगठित करने तथा विस्तार दिये जाने की दिशा में प्रयास किये जाने की कोशिश ऐनेस्थीसियोलॉजी विभाग द्वारा की जा रही है। आपको बता दें विभाग की ओर से चलने वाले पेन क्लीनिक का संचालन डॉ सरिता सिंह कर रही हैं। डॉ सरिता सिंह ने हाल ही में त्रिवेन्द्रम इंस्टीट्यूट ऑफ पैलिएटिव साइंसेज से पैलिएटिव केयर पर फेलोशिप भी की है। डेढ़ माह की इस फेलोशिप में डॉ सरिता सिंह ने हॉस्पिटल में केयर करने के साथ ही कैंसर से ग्रस्त मरीजों के घरों में भी विजिट कर उन्हें पैलिएटिव केयर दिये जाने का प्रशिक्षण भी लिया था।
आज के समारोह में केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो एसएन संखवार, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ जीपी सिंह, डॉ अजय चौधरी सहित अनेक चिकित्सक, विद्यार्थी उपस्थित रहे।