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इस महिला चिकित्‍सक के जज्‍बे को सलाम

-आगरा की एत्‍मादपुर सीएचसी में तैनात महिला चिकित्‍सक ने मुंह से सांस देकर बचायी नवजात की जान

सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र पर महिला चिकित्‍सक की 7 मिनट की ताबड़तोड़ कोशिश हुई सफल, बच्‍ची की सांसें लौट आयीं  

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ/आगरा। चिकित्सक को यूं ही धरती का भगवान नहीं कहा जाता है वाकई चिकित्सक वह होता है जो घोर निराशा के अंधेरे से भी नन्हे से प्रकाश पुंज को पकड़ कर अंधियारे को समाप्त करने की क्षमता रखता है। आगरा जनपद के एत्मादपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में तैनात एक महिला चिकित्सक में एक नवजात को अपने मुंह से सांस देकर नई जिंदगी दी है। अपने करीब 7 मिनट लंबे जुझारू प्रयास के बाद बच्चे की सांस वापस आने पर ही इस महिला डॉक्टर ने चैन की सांस ली।

सोमवार को एक वीडियो वायरल हुआ जिससे पता चला कि यह वीडियो आगरा के एत्मादपुर स्वास्थ्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां बीती 1 मार्च को एक नवजात बच्ची की पैदा होने के बाद ही सांस रुकने से जान पर बन आयी थी, ऐसे में अस्‍पताल की डॉ सुरेखा ने  बच्ची को सांस लेने में परेशानी देखी तो उसे ऑक्सीजन लगाई लेकिन इसका कोई असर न होते देख आनन-फानन में उन्होंने निर्णय लिया कि‍ बच्ची को अपने मुंह से सांस देकर ही बचाया जा सकता है। बताया जाता है कि पैदा होने के बाद की खून से लथपथ स्थिति वाली बच्ची के मुंह में अपना मुंह लगाकर जोर-जोर से डॉ सुरेखा ने सांस देना शुरू किया, इसके साथ ही बच्ची को थपथपाना आदि अन्य प्रयास करती रहीं, अंततः 7 मिनट बाद डॉ सुरेखा की मेहनत रंग लाई और बच्ची ने सही तरह से रिस्पॉन्स करना शुरू कर दिया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आज बच्चे की मां उसे लेकर जांच के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी, चिकित्सक द्वारा जांच में देखा गया कि मां और बच्चे दोनों स्वस्थ हैं। बच्ची की मां खुशबू चिकित्सक के द्वारा किए गए प्रयास की सराहना करते हुए थक नहीं रही है, उसका और परिवार वालों का कहना है कि डॉ सुरेखा की वजह से ही उनकी बच्ची आज जिंदा है।

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