-ऑटिस्टिक स्प्रेक्ट्रम विकारों के कारणों को भी समझा जा सकेगा
-मिरर न्यूरॉन्स विषय पर दास एंड हलीम व्याख्यान का आयोजन

सेहत टाइम्स
लखनऊ। फलां व्यक्ति दूसरे के मन की बात बिना बताये जान जाता है, जबकि दूसरे व्यक्ति तो ऐसा नहीं कर पाते हैं, आखिर ऐसा क्यों है, मानव मस्तिष्क की पहेलियों को समझने के लिए मस्तिष्क में मौजूद मिरर न्यूरॉन्स पर शोध की आवश्यकता है, इस शोध से जहां न्यूरॉन्स में समझने की क्षमता का पता लगाया जा सकता है वहीं ऑटिस्टिक स्प्रेक्ट्रम विकारों के कारणों को भी समझा जा सकेगा।
यह जानकारी आज किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के एनाटॉमी विभाग द्वारा सेल्बी हॉल में आयोजित किए गए मिरर न्यूरॉन्स विषय पर दास एंड हलीम ओरेशन प्रस्तुत करते हुए एनाटॉमी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो अशोक सहाय ने दी। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क में हजारों तरह के न्यूरॉन्स होते हैं, इन सभी न्यूरॉन्स के बारे में अभी जानकारी नहीं है कि किस न्यूरॉन की क्या क्षमता है। इसे समझने के लिए शोध की आवश्यकता है। मिरर न्यूरॉन इस पहेली को सुलझा देगा कि एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से ज्यादा समझदार क्यों होता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी थे तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में एनाटॉमी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ ए हलीम को आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर डीन मेडिसिन डॉ ए के त्रिपाठी, डीन डेंटल डॉ ए पी टिक्कू, एनाटॉमी विभाग की विभागाध्यक्ष व एनाटॉमिकल सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ पुनीता मानिक सहित अनेक संकाय सदस्य एवं चिकित्सक आदि उपस्थित रहे।

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