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नर्सिंग, पैरामेडिकल कर्मियों की ट्रेनिंग में भी अपना योगदान दें निजी अस्‍पताल

-हेल्‍थ सिटी हॉस्पिटल की बेरियाट्रिक सर्जरी विंग के उद्घाटन समारोह में उप मुख्‍यमंत्री का आह्वान

-प्रमुख सचिव चिकित्‍सा शिक्षा व प्रमुख सचिव चिकित्‍सा स्‍वास्‍थ्‍य ने दिये महत्‍वपूर्ण सुझाव

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के उप मुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि नर्सों व पैरामेडिकल कर्मियों की ट्रेनिंग में निजी हॉस्पिटल भी आगे आयें क्‍योंकि उनके पास हॉस्पिटल है, ऐसे में थोड़े से बदलाव से वे ट्रेनिंग सेंटर खोलने की पात्रता हासिल कर सकते हैं।

श्री पाठक ने यह उद्गार आज 12 अगस्‍त को गोमती नगर स्थित हेल्‍थ सिटी हॉस्पिटल में बेरियाट्रिक सर्जरी विंग के उद्घाटन समारोह में मुख्‍य अतिथि के रूप में व्‍यक्‍त किये। उन्‍होंने बेरियाट्रिक सर्जरी से सबंधित लिटरेचर का विमोचन कर बेरियाट्रिक यूनिट का उद्घाटन किया। उन्‍होंने कहा कि यह प्रसन्‍नता की बात है कि अब लखनऊ में भी बेरियाट्रिक सर्जरी हो पायेगी, लखनऊ और आसपास के जिले के जो लोग दिल्‍ली, मुंबई जाकर यह सर्जरी कराते थे, उन्‍हें लखनऊ में ही यह सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए मैं हेल्‍थसिटी हॉस्पिटल को बधाई देता हूं। सरकार आपके साथ है।

उन्‍होंने कहा कि जैसा कि प्रमुख सचिव चिकित्‍सा शिक्षा आलोक कुमार ने कहा कि ट्रेनिंग के क्षेत्र में हॉस्पिटल को आगे आना चाहिेये, उन्‍होंने कहा कि हॉस्पिटल चाहे तो नर्सिंग कॉलेज, पैरामेडिकल कॉलेज भी खोल सकता है। उन्‍होंने प्रमुख सचिव चिकित्‍सा स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण पार्थसारथी सेन शर्मा की सलाह का भी समर्थन करते हुए हेल्‍थसिटी हॉस्पिटल से आयुष्‍मान भारत के तहत महंगे इलाज का लाभ दिलवाने की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया। उन्‍होंने कि आयुष्‍मान भारत योजना के तहत अब तक 3 करोड़ कार्ड बन चुके हैं, हमारा लक्ष्‍य 7 करोड़ है, जो हमें उम्‍मीद है कि आने वाले कुछ माह में पूरा हो जायेगा।

दीप प्रज्‍ज्‍वलन के बाद स्‍वागत भाषण देते हुए अस्‍पताल के निदेशक डॉ संदीप कपूर ने कहा कि हेल्‍थ सिटी एक सपना है, जिसे हम सभी डॉक्‍टर्स ने 2013 में देखा, इसके बाद 18 माह में अस्‍पताल तैयार हुआ और 2016 में शुरू हुआ। अस्‍पताल में सभी विभाग जुड़ते गये, और इस तरह से यह मल्‍टीस्‍पेशियलिटी हॉस्पिटल बन गया। डॉ कपूर ने कहा कि अगले चरण में हम हेल्‍थ सिटी विस्‍तार नाम से 300 बिस्‍तरों का अस्‍पताल शुरू करेंगे। इन्‍वेस्‍टर्स समिट में भी हमारी भागीदारी है। हमने 200 लोगों को इस अस्‍पताल में रोजगार दे रखा है और अपने हेल्‍थ सिटी विस्‍तार वाले अस्‍पताल में 1000 लोगों को रोजगार देंगे। उन्‍होंने कहा कि हमारे अस्‍पताल में चेरिटी भी होती है, हम ऑर्थोपैडिक सर्जन आर्थराइटिस फाउंडेशन नाम से हड्डी वाले मरीजों को फ्री इलाज उपलब्‍ध कराते हैं और प्‍लास्टिक सर्जन डॉ वैभव खन्‍ना स्‍माइल ट्रेन नाम से संस्‍था रन करते हैं।

गैस्‍ट्रो सर्जन डॉ केबी जैन ने बताया कि मोटापा को 25 वर्ष पूर्व विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने बीमारी घोषित की थी, मगर अभी भी लोग इसे बीमारी के रूप में नहीं लेते हैं, जबकि मोटापा कई प्रकार की बीमारियों की वजह होती है। डायबिटीज, ब्‍लड प्रेशर, श्‍वास की बीमारी, घुटनों की बीमारी यहां तक कि हार्ट, कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बना रहता है। मोटापे को कंट्रोल करने के लिए खानपान और व्‍यायाम बहुत जरूरी है। उन्‍होंने बताया कि हेल्‍थसिटी में आज से खुली बेरियाट्रिक सर्जरी की विंग में पिछले 25 साल से 10000 से ज्‍यादा बेरियाट्रिक सर्जरी कर चुके गुजरात के डॉ संजय पटोलिया बेरियाट्रिक सर्जरी करेंगे।

डॉ संजय पटोलिया ने कहा कि गुजरात की जितनी जनसंख्‍या है यानी पांच करोड़, इतनी संख्‍या 23 करोड़ वाले उत्‍तर प्रदेश में मोटापे से ग्रस्‍त लोगों की है। मोटापा कई जीवन शैली से जुड़ी बीमारियों की जननी है। मोटापे से लोग मुख्‍य रूप से डायबिटीज, फैटी लिवर और स्‍लीप एप्निया के शिकार हो रहे हैं। बॉडी मास इंडेक्‍स से मोटापा का निर्धारण किया जाता है। उन्‍होंने कहा कि यह कॉस्‍मेटिक सर्जरी नहीं है, यह गैस्‍ट्रो सर्जरी है। मोटापे की वजह से व्‍यक्ति की प्रोडक्टिविटी कम हो जाती है। ऐसे में इस सर्जरी के बाद उनकी प्रोडक्टिविटी बढ़ जाती है, इसके अलावा डायबिटीज से भी राहत मिलने की संभावना होती है।

कार्यक्रम के विशिष्‍ट अतिथि प्रमुख सचिव चिकित्‍सा शिक्षा आलोक कुमार ने हेल्‍थ सिटी के निदेशकों को बधाई देते हुए कहा कि आपने शहर को एक अच्‍छा वेल्‍यू बेस्‍ड हॉस्पिटल दिया है और अब उसमें बेरियाट्रिक सर्जरी का नया अध्‍याय जुड़ने जा रहा है। डॉ पटोलिया सहित सभी को मैं बधाई देना चाहता हूं। उन्‍होंने कहा कि लगभग 24 करोड़ वाले उत्‍तर प्रदेश में पर्याप्‍त संख्‍या में डॉक्‍टर, नर्सेज, पैरामेडिक्‍स उपलब्‍ध नहीं हैं। रजिस्‍टर्ड डॉक्‍टर्स की संख्‍या 94,000 है, इनमें सिर्फ 12,000 स्‍पेशियलिस्‍ट हैं, यानी 24 करोड़ लोगों पर 12,000 विशेषज्ञ, इसी प्रकार प्रति हजार आबादी पर 0.6 नर्स हैं, जबकि केरल में 9 प्रति हजार यानी हमसे 15 गुना ज्‍यादा नर्सें हैं, तथा तमिलनाडु में प्रति हजार 5 हैं। यही स्थिति पैरामेडिक्‍स की है।

उन्‍होंने कहा कि हॉस्पिटल्‍स को चिकित्‍सा के साथ ही ट्रेनिंग के पहलुओं पर भी ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है। अभी हमारी सोच है कि हॉस्पिटल सिर्फ चिकित्‍सा की जगह है, जबकि सच तो यह है कि प्रत्‍येक मरीज हमारी ट्रेनिंग का एक बड़ा माध्‍यम है। उन्‍होंने कहा कि हालांकि सरकार ने बहुत इन्‍वेस्‍ट किया है, एमबीबीएस की सीटें डबल हो गयी हैं, अगले तीन सालों में यह तिगुनी हो जायेंगी, इसमें सरकार और निजी क्षेत्र दोनों का योगदान है। उन्‍होंने कहा कि ऐसा देखा गया है कि अच्‍छे रनिंग हॉस्पिटल की चिंता सिर्फ मरीजों के ट्रीटमेंट पर रहती है, जबकि ट्रीटमेंट के साथ ही उन्‍हें ट्रेनिंग का भी ध्‍यान रखना चाहिये। मेरा आग्रह है कि हेल्‍थसिटी हॉस्पिटल इस ओर ध्‍यान देते हुए आगे आये। उन्‍होंने कहा कि सिर्फ पढ़ाई से हम अच्‍छे वर्कर नहीं पैदा कर सकते हैं, जब‍ तक कि उनकी पेशेंट बेडसाइड ट्रेनिंग नहीं होगी।

उन्‍होंने कहा कि बहुत ब्राइट बच्‍चे, जिन्‍हें नर्सिंग, पैरामेडिकल क्षेत्र में आने पर रोजगार मिल सकता है, वे इस क्षेत्र में नहीं आते। इसका एक उदाहरण देखिये, 8000 एमबीबीएस सीट के लिए 1,80,000 आवेदन प्राप्‍त हुए, यानी प्रति सीट के लिए 23-24 आवेदक। जबकि नर्सिंग के लिए पिछले साल 13,000 सीट के लिए 21,000 आवेदन आये। उन्‍होंने कहा कि इसका कारण है कि हमने एक डॉक्‍टर केंद्रित व्‍यवस्‍था बनायी हुई है, जो कि अच्‍छी बात है, लीड डॉक्‍टर को ही करना चाहिये, लेकिन दूसरे विंग नर्सिंग, पैरामेडिकल हैं इन्‍हें कितनी जिम्‍मेदारी देनी चाहिये इसके बारे में हमने बहुत चिंता नहीं की है। उन्‍होंने कहा कि भविष्‍य में जैसे-जैसे मरीजों की संख्‍या को देखते हुए मेडिकल केयर की मांग बढ़ती जायेगी वैसे-वैसे हमें आज नहीं तो कल इस पर विचार करना होगा। उन्‍होंने कहा कि उनका मानना है कि इस विषय में सरकार को नीतिगत बदलाव करना पड़ेगा।

दूसरे विशिष्‍ट अतिथि प्रमुख सचिव चिकित्‍सा स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण पार्थसारथी सेन शर्मा ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मेरी कामना है कि आपका 300 बेड वाला हॉस्पिटल हेल्‍थ सिटी विस्‍तार जल्‍दी शुरू हो। उन्‍होंने कहा कि मैं आपसे यह भी अपेक्षा करता हूं कि आयुष्‍मान भारत योजना के तहत इस हेल्‍थ सिटी हॉस्पिटल को और भविष्‍य में खुलने वाले 300 बेड वाले हॉस्पिटल दोनों को इम्‍पैनल करायें। उन्‍होंने यह भी कहा कि आयुष्‍मान भारत डिजीटल मिशन में आयें, इसके लिए डॉक्‍टर, पैरामेडिकल सभी को रजिस्‍टर्ड करवाना होता है मरीज का भी आई कार्ड बनता है। उन्‍होंने कहा कि इसे करें क्‍योंकि यह अनिवार्य है, अगर आप अभी नहीं करेंगे तो भविष्‍य में इस योजना के तहत मरीज का इलाज आप नहीं कर पायेंगे।

अंत में धन्‍यवाद प्रस्‍ताव देते हुए वरिष्‍ठ प्‍लास्टिक सर्जन निदेशक डॉ वैभव खन्‍ना ने कहा कि मैं डॉ पटोलिया का आभारी हूं जो मोस्‍ट पॉपुलर स्‍टेट गुजरात से यहां आये हैं इस महत्‍वपूर्ण सर्जरी की सुविधा यहां देने। उन्‍होंने कहा कि आप बहुत खुशकिस्‍मत हैं कि आपको उत्‍तर प्रदेश सरकार का पूरा समर्थन मिल रहा है। मंच का कुशल संचालन वरिष्‍ठ प्‍लास्टिक सर्जन डॉ आदर्श कुमार ने किया। इस मौके पर अस्‍पताल के चिकित्‍सा अधीक्षक डॉ केके सिंह के साथ ही सभी डॉक्‍टर, नर्सेंज, पैरामेडिकल कर्मी व अन्‍य सभी कर्मचारी एवं अन्‍य अतिथिगण उपस्थित रहे।

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