-मरीजों के व्यापक हित में तैयार की गयी कार्ययोजना, केजीएमयू व बलरामपुर चिकित्सालय दोनों जगह मिलेगी उपचार की सुविधा
सेहत टाइम्स
लखनऊ। कोविड-19 ने हमारे शरीर के किसी अंग को अगर सबसे अधिक प्रभावित किया है तो वह हैं हमारे फेफड़े । यही कारण है कि कोरोना से उबरने के महीनों बाद भी लोग सांस फूलने, खांसी आने, चलने में भारीपन, नींद न आने, कमजोरी आदि की शिकायतें लेकर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पोस्ट कोविड क्लीनिक पहुंच रहे हैं । एक तरफ ऐलोपैथिक दवाओं से भी पोस्ट कोविड रोगों में पूरी तरह आराम नहीं मिल पा रहा है, वहीं यह देखा गया है कि दवाओं के साथ जब योग, षट्कर्म व प्राणायाम किया गया तो इन रोगों को ठीक करने में सफलता प्राप्त हुई। इसी सम्बन्ध में एक स्टडी भी की जायेगी जिससे न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी पोस्ट कोविड के मरीजों को लाभ पहुंच सके।
आपको बता दें कि कोरोना काल में हर वक्त मरीजों की मदद को तैयार रहने वाले केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने कोरोना से पीड़ित ग्रामीण लोगों के लिए एक सरल व सुगम चिकित्सा प्रोटोकॉल तैयाऱ करने के साथ ही आईवरमेक्टिन के उपयोग पर एक श्वेत पत्र जारी किया था। डॉ सूर्यकांत का कहना है कि मरीजों को उपचार से लाभ मिले इसीलिए इस क्रम में अब मरीजों के हित में कोविड प्रभावित फेफड़ों की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए यह अनूठी मुहिम शुरू की गयी है।
डॉ सूर्यकान्त का कहना है कि पिछले सात महीनों से हर मंगलवार को विभाग में संचालित पोस्ट कोविड क्लीनिक में बहुत सारे मरीज फेफड़ों से सम्बंधित तकलीफों के आ रहे हैं । इन मरीजों को मॉडर्न मेडिसिन (एलोपैथी) के द्वारा उपचार करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बावजूद कई मरोजों को पूरी तरह से आराम नहीं मिल पाता है और उनके फेफड़ों की कार्यक्षमता कमजोर बनी हुई है। डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि ऐसे मरीजों को दवाओं के साथ ही डॉ नंदलाल यादव के द्वारा किये गये योग, षटकर्म और प्राणायाम से उपचार के बाद मिलने वाली सफलता एक अच्छा संकेत हैं। उन्होंने कहा कि मरीजों के व्यापक हितों को देखते हुए यह कार्ययोजना तैयार की गयी है।
इस बारे में बलरामपुर अस्पताल के योग विशेषज्ञ डॉ. नन्दलाल यादव का कहना है कि चिकित्सा की आधुनिक तकनीक (एलोपैथी) से कोरोना से प्रभावित फेफड़ों के लिए दवा पूरी तरह से कारगर नहीं साबित हो रही है, यही नहीं विटामिन व मिनरल्स आदि दिये गए उनका भी सीमित असर ही दिखाई दिया । ऐसे मरीजों के लिए डॉ. सूर्यकांत व डॉ. नंदलाल यादव द्वारा मिलकर तैयार की गयी विशेष कार्ययोजना के अंतर्गत योगासन, षट्कर्म व प्राणायाम द्वारा कोरोना से प्रभावित फेफड़ों की दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना में डॉ. सूर्यकांत, डॉ. नन्द लाल यादव के साथ ही सीनियर चेस्ट कंसल्टेंट डॉ. आनंद कुमार गुप्ता और योग प्रशिक्षक संजीव त्रिवेदी भी शामिल रहेंगे। इस परियोजना के अंतर्गत योग एवं प्राणायाम के द्वारा फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाने एवं शरीर की थकान को दूर करने का कार्य किया जायेगा। जिन रोगियों को कोविड से उबरने के बाद फेफड़े से संबंधित दिक्कतें आ रही हैं, वह प्रत्येक मंगलवार को केजीएमयू में एवं सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को बलरामपुर अस्पताल के आयुष विभाग में सम्पर्क कर सकते हैं । इस दौरान पोस्ट कोविड की समस्याओं से निजात पाने के लिए सामान्य चिकित्सा के साथ-साथ योग चिकित्सा की सुविधा भी उपलब्ध करायी जायेगी।