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यूपी में अब अंग प्रत्‍यारोपण होगा आसान, ऑर्गन ट्रांसप्‍लांट पर वेबिनार 31 अक्‍टूबर को

-देश का सातवां व यूपी का पहला SOTTO संजय गांधी पीजीआई में स्‍थापित किया जा रहा

डॉ हर्षवर्धन

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में अब जरूरतमंदों को अंग प्रत्‍यारोपण और आसान होने जा रहा है, क्‍योंकि राज्‍य के किस जरूरतमंद को किस अंग की जरूरत है, अंग कहां उपलब्‍ध है, प्रत्‍यारोपण की व्‍यवस्‍था, प्रशिक्षण जैसे कार्यों के दायित्‍व के निर्वहन के लिए सेंट्रल बॉडी स्‍टेट ऑर्गन एंड टिश्‍यू ट्रांसप्‍लांट ऑर्गेनाइजेशन (सॉटो) का यूपी में गठन किया जा रहा है, इसकी स्‍थापना संजय गांधी पीजीआई में कल 31 अक्‍टूबर को प्रदेश को की जायेगी, इस मौके पर एक वेबिनार का भी आयोजन किया गया है, इस मौके पर मुख्‍य अतिथि के रूप में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा, वित्त और संसदीय मामलों के मंत्री सुरेश खन्‍ना मौजूद रहेंगे।

यह जानकारी देते हुए संजय गांधी पीजीआई अस्‍पताल प्रशासन विभाग के अध्‍यक्ष व कल हो रहे सॉटो के गठन में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सॉटो के नोडल ऑफीसर डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि अंग प्रत्यारोपण के समस्त प्रशासन, प्रबंधन एवं कानूनी पहलू भारत सरकार द्वारा तय किए गए मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण अधिनियम और नियमों से शासित होते हैं। इसके लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डायरेक्टरेट जनरल स्वास्थ्य सेवा के अंतर्गत नेशनल ऑर्गन एंड टिश्‍यू ट्रांसप्‍लांट ऑर्गेनाइजेशन (नॉटो) गठित किया गया है। पूरे देश में अंग प्रत्‍यारोपण सम्‍बंधी कार्यों पर सुचारु रूप से नजर रखने के लिए एक त्रिस्तरीय व्यवस्था के अंतर्गत राष्‍ट्रीय, क्षेत्रीय और प्रादेशिक स्‍तर पर क्रमश: नॉटो (NOTTO), रॉटो (ROTTO) और सॉटो (SOTTO) की स्‍थापना की गयी है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अस्पताल प्रशासन विभाग, पीजीआई के तत्वावधान में देश का सातवां और उत्तर प्रदेश का पहला SOTTO संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ में स्थापित किया जा रहा है।

उन्‍होंने बताया कि सॉटो SOTTO को जिन कार्यों का दायित्‍व सौंपा गया है उनमें संबंधित अस्पतालों, संगठनों एवं व्यक्तियों को आवश्यक सूचनाओं का आदान प्रदान करना, ट्रांसप्‍लांट करा चुके रोगियों व उन्‍हें अंग दान करने वाले का फॉलोअप करना तथा संबंधित आंकड़ों का संकलन करना शामिल है, इसके अलावा संबंधित कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करना, उन लोगों की प्रतीक्षा सूची बनाना जिन्हें प्रत्यारोपण की आवश्यकता है। संबंधित क्षेत्र में सूचना का प्रसार प्रचार करने के लिए आवश्यक सूचना सामग्री का वितरण और जागरूकता कार्यशाला और सेमिनार का आयोजन करना, ब्रेन डेथ से लेकर मल्‍टी ऑर्गन रिट्रीवल व ऑर्गन प्रोक्‍योरमेंट से ऑर्गन ट्रांसप्‍लांट तक की पूरी प्रकिया को सुविधाजनक बनाने का दायित्‍व भी सॉटो का है।

उन्‍होंने बताया कि नेशनल ऑर्गन ट्रांसप्‍लांट प्रोग्राम के उद्देश्यों को पूरा करने और अंग प्रत्यारोपण, ऑर्गन रिट्रीवल व बैंकिंग की प्रक्रिया में लगे सभी संगठनों, संस्थाओं की जागरूकता के लिए संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में 31 अक्टूबर को अपराहन 2:00 बजे से एक वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है।

उन्‍होंने बताया कि यह संपूर्ण कार्यक्रम संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो आरके धीमन के दिशानिर्देशों के साथ संचालित किया जा रहा है, जिन्होंने पीजीआई चंडीगढ़ में अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम में सार्थक योगदान दिया है। उन्होंने हाल ही में हृदय प्रत्यारोपण के क्षेत्र में भी संभावनाएं तलाशने के लिए एक समिति का गठन किया है।

डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि इस मौके पर उत्तर प्रदेश शासन के अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा, रजनीश दुबे एवं महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा डॉ के के गुप्ता भी समारोह में मौजूद रहेंगे। उन्‍होंने बताया कि निदेशक प्रो धीमन के साथ ही संस्थान के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग और Centre of Hepatobiliary Diseases and transplantation, SGPGI के अध्यक्ष डॉ राजन सक्सेना की भी इस अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है।