मार्च 2018 में जारी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की अधिसूचना को रद किया
विदेश में एमबीबीएस में दाखिला लेने के इच्छुक अभ्यर्थियों को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने विदेश में पढ़ने के इच्छुक मेडिकल के विद्यार्थियों के लिए अब राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) पास करने की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एस. रविंद्र व न्यायमूर्ति एके चावला की पीठ ने भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) की उस अधिसूचना को खारिज कर दिया है, जिसके तहत बगैर नीट पास किए छात्र-छात्राओं को विदेश में दाखिला लेने पर रोक लगा दी गई थी।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार हाईकोर्ट की पीठ ने आदेश दिया कि विदेश में दाखिला लेने वाले छात्रों को राहत दें तथा उन्हें योग्यता प्रमाण पत्र जारी करें। आपको बता दें कि हाई कोर्ट में छात्रा पारुल भटनागर, अमृता शंकर व शाहुल हमीद ने वकील अशोक अग्रवाल के माध्यम से याचिका दायर की थी। याचिका में मार्च 2018 में एमसीआई द्वारा जारी उस अधिसूचना को चुनौती दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि विदेश में एमबीबीएस में दाखिला लेने वालों के लिए नीट पास करना अनिवार्य है।
याचिकाकर्ता पारुल ने वर्ष 2017 व 2018 में नीट परीक्षा दी थी। वर्ष 2017 में वह पास हुई थीं, जबकि 2018 में फेल हो गई थीं। 2018 में विदेश में एमबीबीएस में दाखिला लेने के लिए उन्होंने एमसीआई से अनुमति मांगी तो यह कहते हुए इनकार कर दिया गया कि बगैर नीट पास किए वह विदेश में एमबीबीएस में दाखिला नहीं ले सकतीं।
वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि एमसीआई की अधिसूचना के बारे में छात्रों को जानकारी तक नहीं थी। उन्होंने कहा कि एमसीआई की अधिसूचना के अनुसार अगर किसी ने नीट के लिए आवेदन नहीं किया है तो वह विदेश में दाखिला ले सकता है, लेकिन अगर आवेदक नीट में फेल हुआ है तो वह विदेश में एमबीबीएस में दाखिला नहीं ले सकता। सुनवाई के बाद पीठ ने एमसीआई की अधिसूचना को खारिज करते हुए नीट पास किए बगैर भी विदेश में एमबीबीएस में दाखिला लेने की छूट दे दी।