-संस्थान में फैल रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए नयी व्यवस्था लागू
-सिर्फ एक तीमारदार को ही मिलेगी मरीज के साथ वार्ड में रहने की अनुमति
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में अब भर्ती होने वाले मरीज के साथ सिर्फ एक तीमारदार को रुकने की अनुमति होगी, साथ ही उस तीमारदार का कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य होगा, उसकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही उसे मरीज के साथ रहने की अनुमति मिलेगी। इस निर्णय को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
संक्रमित होने के बाद होम आईसोलेशन में चल रहे कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ विपिन पुरी के इन निर्देशों की जानकारी देते हुए अधीक्षक द्वारा सभी विभागाध्यक्षों को 24 अगस्त को इस आशय का पत्र भेजा गया है। आपको बता दें कि कुलपति होम आईसोलेशन में होने के बावजूद अपने दायित्वों का निर्वहन बड़ी ही मुस्तैदी से कर रहे हैं, दो दिन पूर्व ही रेजीडेंट्स डॉक्टर्स को वर्चुअली सम्बोधित करते हुए कोविड से लड़ाई के प्रति जागरूक करते हुए अपने सम्बोधन के माध्यम से उनमें ऊर्जा भरी थी।
ज्ञात हो कि वैश्विक महामारी कोविड-19 उत्तर प्रदेश विशेषकर राजधानी लखनऊ में अपना जबरदस्त प्रकोप दिखा रहा है। हालात ये हो गये हैं कि कोरोना की लड़ाई में शुरू से लड़ रहे संस्थान केजीएमयू के कुलपति, रजिस्ट्रार, प्रति कुलपति, डीन, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, चिकित्सा अधीक्षक, विभागाध्यक्ष सहित अनेक चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों को कोरोना ने अपनी गिरफ्त में ले रखा है।
परिसर में तेजी से फैल रहे संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए जो कदम उठाये जा रहे हैं इसी के तहत यह कदम उठाया जा रहा है। सभी विभागाध्यक्षों व ट्रॉमा सेंटर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक हो भेजे गए पत्र में कहा गया है कि अभी तक भर्ती किये जाने वाले मरीज की कोविड जांच कराना अनिवार्य था लेकिन अब भर्ती रोगियों, कार्यरत चिकित्सकों, पैरामेडिकल कर्मियों व अन्य कर्मचारियों के हित में यह फैसला किया गया है कि बढ़ते संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए मरीज के साथ एक तीमारदार को रहने की अनुमति होगी, तीमारदार की ट्रूनेट मशीन से जांच कराई जाएगी और उसकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही मरीज के साथ वार्ड में रहने की अनुमति होगी।
रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग ने जारी किया पास
इन निर्देशों पर अमल होना शुरू हो गया है संस्थान के रेस्पाइरेट्री मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकांत ने बताया कि परिसर में बढ़ते संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए लिया गया यह निर्णय स्वागत योग्य है। उन्होंने बताया कि विभाग में इस निर्णय का कार्यान्वयन शुरू कर दिया है। इसके लिए तीमारदार के लिए एक पास डिजाइन किया गया है, जिस पर तीमारदार का पूरा विवरण फोटो सहित अंकित होगा।