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थारू जनजाति के लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य लाभ देने एनएमओ की टीमें 23 फरवरी को होगी रवाना

-भारत-नेपाल सीमा के यूपी और पश्चिम बंगाल से लगे क्षेत्रों में आयोजित हो रही है गुरु गोरखनाथ स्‍वास्‍थ्‍य सेवा यात्रा

-केजीएमयू के कन्‍वेंशन सेंटर से रवाना होंगी टीमें, इस मेगा आयोजन में एक लाख मरीजों तक पहुंचने का लक्ष्‍य

डॉ अलका रानी

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा का आयोजन नेशनल मेडिकोज़ आर्गेनाइज़ेशन, अवध प्रांत के द्वारा किया जा रहा है। आगामी 24, 25 एवं 26 फरवरी को आयोजित इस यात्रा को भारत नेपाल सीमा के थारू जनजाति बाहुल्य ज़िलों में पूरे उत्तर प्रदेश-उत्तराखण्ड के बॉर्डर के साथ बिहार पश्चिम बंगाल के भी बॉर्डर पर आयोजित किया जा रहा है। इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाली थारू जनजाति को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचाना है। इस आयोजन के लिए सभी टोलियों को कल 23 फरवरी को किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के कन्वेंशन सेंटर से उप मुख्यमंत्री  उत्तर प्रदेश ब्रजेश पाठक एवं सामाजिक कल्याण मंत्री असीम अरुण द्वारा झंडी दिखाकर प्रस्थान कराया जाएगा।

यह जानकारी नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन अवध प्रांत  की सचिव डॉ अलका रानी ने देते हुए बताया कि इस स्वास्थ्य सेवा यात्रा में लगभग 50 प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थानों से 600 से अधिक चिकित्सक एवं चिकित्सा छात्र तीन दिनों के लिए वन्य क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के घरों पर रहकर अपनी सेवाएं  देंगे। इन कैंप में लोगों के मुफ़्त जांच-इलाज एवं दवा की व्यवस्था होती है। यात्रा के आख़िरी दिन प्रत्येक जिले में ज़िलेवार मेगा कैंप आयोजित किया जाएगा।

उन्‍होंने बताया कि इस वर्ष यह स्वास्थ्य सेवा यात्रा 1500 गांवों को केंद्र में रखकर लगभग 300 स्थानों पर आयोजित हो रही है। इसके अंतर्गत सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, लखीमपुर, बहराइच, बलरामपुर एवं श्रावस्ती में सघन कैंप के साथ ज़िला केंद्र पर मेगा कैंप का आयोजन हो रहा है।

लगभग दस बसों से इन सभी टीमों को दवाओं एवं उपकरणों के साथ विभिन्न ज़िलों में भेजा जाएगा, जहां से स्थानीय कार्यकर्ता इन चिकित्सकों को लेकर अपने-अपने गांव जाएंगे। वहीं ये चिकित्सक रुककर यह सेवा देंगे। इस बार लगभग 100,000 मरीज़ों तक पहुंचने का लक्ष्य है। साथ ही इस बार के शोध का विषय थारू जनजाति में, मुख की बीमारियां रखा गया है। इस पूरे कार्य में स्थानीय स्तर पर लगभग 800-1000 कार्यकर्ता सक्रिय हैं। यात्रा में कैंप के ऑनलाइन उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने अपनी सहमति प्रदान की है।

उन्‍होंने बताया कि अवध प्रांत के प्रचारक कौशल किशोर, सह  प्रांत प्रचारक मनोजजी  एवं केजीएमयू के पूर्व कुलपति डॉ एमएलबी भट्ट के मार्गदर्शन एवं संरक्षण में  संपूर्ण यात्रा की तैयारी पूरे उत्साह के साथ चल रही हैं।  यात्रा मुख्य संयोजक के रूप में डॉ संदीप तिवारी इंचार्ज ट्रॉमा सेंटर केजीएमयू, और डॉ अलका रानी (सचिव )के साथ सह यात्रा प्रमुख  डॉ भूपेंद्र सिंह, हेमेटोलॉजिस्ट चंदन हॉस्पिटल, प्रमुख भूमिका में हैं।

उन्‍होंने बताया कि डॉ नरसिंह वर्मा विभागाध्यक्ष फीजियोलॉजी केजीएमयू,  डॉ जी पी सिंह (विभागाध्यक्ष एनेस्थीसिया विभाग केजीएमयू), डॉ एस एन संखवार (विभागाध्यक्ष यूरोलॉजी विभाग केजीएमयू), डॉ विजय कुमार( विभागाध्यक्ष प्लास्टिक सर्जरी केजीएमयू), डॉ पूर्णचंद (विभागाध्यक्ष प्रोस्थों दंत संकाय,केजीएमयू) डॉ विभा सिंह (प्रोफेसर ओरल एंड मैक्सिलोफेशल  सर्जरी, केजीएमयू),   डॉ विक्रम सिंह, आरएमएल संस्‍थान, डॉ संजय भट्ट आरएमएल संस्‍थान, डॉ प्रभात कुमार (आरएमएल संस्‍थान लखनऊ), डॉ कपिल, डॉ सौरभ, डॉ अभिषेक, डॉ आदित्य ये सभी चिकित्सक इस यात्रा की तैयारी के लिए अपना श्रेष्ठ योगदान दे रहे हैं।

उन्‍होंने बताया कि यात्रा के समापन के अवसर पर बलरामपुर मेगाकैंप में मंत्री सतीश शर्मा, लखीमपुर में मंत्री जेपीएस राठौर, श्रावस्ती में मंत्री रजनी तिवारी, बहराइच में मंत्री दिनेश प्रताप, महाराजगंज में सूचना आयुक्त सुभाष सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस पूरे कार्यक्रम का आर्थिक वहन समाज के गणमान्य व्यक्ति एवं भाग लेने वाले चिकित्सक स्वयं कर रहे हैं।  स्थानीय स्तर पर सेवा भारती, एकल अभियान, सीमा जागरण मंच, वनवासी कल्याण आश्रम आदि अनेक संगठन अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। विद्यार्थियों की एक बड़ी संख्या पूरे जोश के साथ इस यात्रा की तैयारी में हिस्सा ले रही है।

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