-नेताजी की 125वीं जयंती पर केजीएमयू में भी मनाया गया पराक्रम दिवस
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने ही अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया जिससे देश को आजादी मिली। अंग्रेजों ने मनोवैज्ञानिक तरीके से यहां के लोगों के दिल में अपना भय बनाकर भारत को गुलाम बनाया था। नेताजी ने इसी डर को समाप्त करने के लिए आजाद हिन्द फौज का गठन किया और अंग्रेजों को अपनी जान बचाकर भारत से भागने पर मजबूर किया।
ये विचार किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसएन संखवार ने केजीएमयू के कलाम सेंटर में नेता सुभाष चन्द्र बोस जयंती के अवसर पर पैरामेडिकल साइंस फैकल्टी द्वारा आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर अपने उद्बोधन में व्यक्त किये। कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉक्टर बिपिन पुरी ने अपने शुभकामना सन्देश में कहा कि “मुझे प्रसन्नता है कि पैरामेडिकल साइंसेस फैकल्टी द्वारा आज ‘पराक्रम दिवस’ के रूप नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पैरामेडिकल साइंसेस फैकल्टी के अधिष्ठाता प्रो विनोद जैन द्वारा अपने उद्बोधन में कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपना पूरा जीवन देश को समर्पित कर दिया, वे युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। युवा शिक्षार्थी अपने जीवन का उद्देश्य स्पष्ट रखें साथ ही स्वयं पर विश्वास एवं साहस के साथ हर तरह की परिस्थिति में एकजुट हो कर अपने पथ पर कार्यशील होना चाहिए। इस मौके पर छात्रों द्वारा नेताजी के विभिन्न आयामों एवं जीवन पर प्रकाश डाला गया।
पेरियोडोंटिक्स विभाग के डॉ पवित्र रस्तोगी ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के त्याग को अतुलनीय बताते हुए कहा कि नेताजी द्वारा चलाए गए ‘Quit India Movement’ के बाद से ही असली आजादी की जंग शुरू हुई, जिसने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया। उन्होंने कहा कि आज जातिवाद, धर्म से ऊपर उठकर गरीब, पिछड़ों, अशिक्षित को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य करना ही स्वस्थ समाज की मुख्य जिम्मेदारी है और यही नेताजी के प्रति सच्ची श्रद्धा होगी।
इस अवसर पर एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें पहला स्थान प्रांजुल मिश्र, दूसरा स्थान आयुषी द्विवेदी, तीसरा स्थान अस्मिता त्यागी एवं आदित्य त्रिपाठी को मिला। कार्यक्रम में पैथोलॉजी विभाग के डॉ अतिन, संगीत शिक्षिका विभा सिंह एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।