यूएस-इंडिया इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में उत्तर प्रदेश में निवेश का आह्वान
लखनऊ. प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में विकास एवं निवेश की व्यापक सम्भावनाएं हैं। विशेषकर स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास, अवस्थापना, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी तथा पर्यटन आदि ऐसे क्षेत्र जहां रोजगार की अपार सम्भावनाएं हैं। उन्होंने प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने हेतु यूएस-इण्डिया के प्रतिनिधियों का विशेषतौर से आह्वान किया और कहा कि राज्य सरकार उन्हें हर सम्भव सहयोग और मदद देगी। उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने के लिए वर्तमान सरकार पूरी तरह कृत संकल्पित है। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकी पर विशेष बल दे रही है।
श्री सिंह आज यहां ताज होटल में यूएस-इण्डिया स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप फोरम द्वारा आयोजित यूएस-इण्डिया इंडस्ट्री कान्क्लेव को सम्बोधित कर रहे थे। इस कान्क्लेव में अमेरिकन कम्पनियों के 20 नामचीन प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री कहा कि आम लोगों को उत्कृष्ट चिकित्सकीय सेवाएं सुलभ कराने के लिए मेडिकल क्षेत्र में निवेश की ज्यादा सम्भावनाएं है। सरकार का प्रयास है कि निजी क्षेत्र इस कार्य में आगे आयें और राज्य को मेडिकल का हब बनाने में सहयोग करें।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में नीति आयोग मदद कर रहा है। पीपीपी माडल पर स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक गति देने की कार्यवाही की जा रही है। प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश में चिकित्सकों की कमी होने के कारण सरकार ने टेलीमेडिसिन को बढ़ावा देने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए हैं। टेली मेडिसिन, टेली कंसलटेंसी तथा टेली पैथोलॉजी के माध्यम से मरीजों को उत्कृष्ट श्रेणी की चिकित्सा सेवा मुहैया कराने पर विशेष बल दिया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि समाज का अंतिम व्यक्ति भी स्वास्थ्य से वंचित न रह सके। उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस की मूविंग तेज करने की कार्यवाही की जा रही है, ताकि कम से कम समय में जरूरतमंदों इसका लाभ मिल सके।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इच्छा जाहिर की है कि उत्तर प्रदेश में निवेश को प्राथमिकता मिले, इसके लिए अमेरिकन कम्पनियों की भागीदारी बढ़े। उन्होंने कहा कि यदि निवेश बढ़ेगा तो उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसर में वृद्धि होगी तथा यहां के लोगों के जीवन स्तर में व्यापक सुधार होगा। इसके साथ ही प्रदेश के जीडीपी में भी बढ़ोतरी दर्ज होगी।
श्री सिंह ने राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के समग्र विकास के लिए उठाए गये कदमों को जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने किसानों के आय को दोगुना करने के लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। कृषि कार्यों को अत्याधुनिक तकनीकि पर आधारित करने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र खोलने की योजना है। खाद्यान्न के भण्डारण और परिवहन की बेहतर सेवाएं विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन के विकास की अपार सम्भावनाएं हैं और इस क्षेत्र में निवेशक बड़ी मात्रा में निवेश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का हर क्षेत्र पर्यटन क्षेत्र के रूप जाना जाता है, किन्तु दर्शनीय स्थलों के समुचित विकास न हो पाने के कारण ये क्षेत्र आज भी उपेक्षित है। सरकार अपने सीमित संसाधनों के तहत इनके विकास पर बल दे रही है। उन्होंने निवेशकों का आह्वान किया कि अवस्थापना क्षेत्र के साथ ही पर्यटन क्षेत्र में अमेरिकन कम्पनियां विशेष योग दें।
इस कॉन्क्लेव में बोइंग इन्टरनेशन के वाइस चेयरमैन प्रत्युश कुमार, नीति आयोग के सदस्य डा0 वीके पॉल, संयुक्त राज्य अमेरिका के दूतावास के उत्तर भारत कार्यालय के लिए एरियल पोलाॅक, यू0एस0 व्यापार एवं विकास एजेंसी के कन्ट्री प्रतिनिधि मेहनाज अंसारी, मर्क शार्प एण्ड दोहमें (एम.एस.डी.) फार्मासिटिकल्स प्रा लि के प्रबंध निदेशक विवेक कामथ, मेडीट्रानिक के भारतीय उप महाद्वीप के उपाध्यक्ष मदान आर कृष्णन, शीरे के वाह्य विभाग के प्रमुख डॉ. भाषकर ज्योति सोनोवाल, दुवा कन्सलटिंग के पार्टनर बलिन्दर सिंह, एजुरेपावर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी इन्द्रप्रीत वाधवा, कारगिल इण्डिया के चेयरमैन सिराज चौधरी, मास्टर कार्ड (पब्लिक पालिसी साउथ एशिया) के उपाध्यक्ष रोहन मिश्रा तथा केपीएमजी साइबर सिक्योरिटी सर्विसेज के पार्टनर अतुल गुप्ता ने भाग लिया और अपने विचार रखते हुए उत्तर प्रदेश के विकास में पूर्ण सहयोग प्रदान करने का भरोसा दिया।