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नियमित रक्‍तदान करने वाले 14 चिकित्‍सकों व कर्मियों को मंत्री ने किया सम्‍मानित

-विश्‍व रक्‍तदाता दिवस पर लोहिया संस्‍थान में पहुंचे सुरेश कुमार खन्‍ना ने की प्रशंसा

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने चिकित्सकों व दूसरे चिकित्‍सा कर्मियों द्वारा नियमित रक्तदान किये जाने की प्रशंसा करते हुए इसे दूसरों के लिए प्रेरणादायक बनाने के लिए इसके प्रचार-प्रसार पर जोर दिया है।

डॉ समरेन्‍द्र ने 52 व अमित शर्मा ने किया है 39 बार रक्‍तदान

सुरेश कुमार खन्‍ना ने यह बात रविवार को विश्‍व रक्‍तदाता दिवस पर यहां डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्‍थान में आयोजित रक्‍तदान शिविर का उद्घाटन कर अनेक बार रक्‍तदान कर चुके संस्‍थान के 14 चिकित्‍सकों व अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों को सम्‍मानित करने के बाद अपने सम्‍बोधन में कही। जिन 14 रक्‍तदाताओं को सम्‍मानित किया गया उनमें सर्वाधिक 52 बार डॉ समरेंद्र नारायण ने, अमित शर्मा ने 39 बार, डॉ स्वागत महापात्रा ने 32 बार, डॉ एसएस नाथ ने 30 बार, डॉ सुब्रत चंद्रा ने 25 बार, संजय सिंह ने 16 बार, डॉ वीके सिंह ने 15 बार, डॉ गीता अग्रवाल ने 15 बार, डॉ संजय भट्ट ने 15 बार, डॉ डीके श्रीवास्तव ने 14 बार, डॉ दिलीप गुप्ता ने 13 बार, डॉ हेमंत ने 12 बार, डॉ पंकज अग्रवाल ने 9 बार तथा डॉ विक्रम सिंह ने छह बार रक्तदान किया है।

दूसरों के लिए प्रेरणा बने रक्‍तदाता, करें प्रचार-प्रसार

सुरेश कुमार खन्‍ना ने कहा कि छात्रों व दूसरे लोगों के लिए चिकित्‍सा पेशे से जुड़े लोगों द्वारा नियमित रक्‍तदान का मैसेज देने के लिए इन रक्‍तदाताओं के बारे में संस्‍थान की लाइब्रेरी में भी अंकित किया जा सकता है। सुरेश कुमार खन्‍ना ने कहा कि आम जनता में रक्‍तदान जैसे पुनीत कार्य के लिए जागरूकता लाने के लिए चिकित्‍सक व कर्मी स्‍वयं अपना उदाहरण देते हुए लोगों को प्रोत्‍साहित करें कि रक्तदान से किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं है बल्कि इससे व्यक्ति स्वस्थ रहता है।

निदेशक ने कहा, ये रक्‍तदाता वे हैं जो कर रहे हैं सात्विक दान

इस मौके पर संस्‍थान के निदेशक प्रो एके त्रिपाठी ने चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री का स्‍वागत करते हुए अपने सम्‍बोधन में कहा कि रक्‍तदान अत्‍यन्‍त पुनीत कार्य है। उन्‍होंने कहा कि गीता के 12वें अध्‍याय में कहा गया है कि दान तीन प्रकार का होता है, सात्विक दान, राजसी दान तथा तामसी दान, सात्विक दान वह होता है जो बिना किसी स्‍वार्थ, बिना किसी अपेक्षा, बिना किसी को अहसास कराये किया जाता है, राजसी दान में मन में अपेक्षा रहती है, कि मैं दान दे रहा हूं तो मुझे पुण्‍य मिलेगा जबकि तामसी दान वह होता है जो तिरस्‍कार करके दिया जाता है। हमारे रक्‍तदाता के दान की श्रेणी सात्विक दान वाली है, इसलिए ऐेसे लोगों का सम्‍मान किया जाना चाहिये, इसी क्रम में आज ऐसे दानकर्ताओं को सम्‍मानि‍त किया जा रहा है।

60 यूनिट ब्‍लड किया गया दान

रक्तदान शिविर प्रातः 10 बजे से सायं 4 बजे तक आयोजित किया गया। आज के शिविर में 60 यूनिट ब्‍लड दान किया गया। इस मौके पर सुरेश कुमार खन्‍ना ने अनेक बार रक्‍तदान कर चुके संस्‍थान के चिकित्‍सकों व अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों को सम्‍मानित भी किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ एसके श्रीवास्‍तव ने तथा धन्‍यवाद प्रस्‍ताव डॉ सरिता सक्‍सेना ने दिया। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजन भटनागर, ब्‍लड बैंक के इंचार्ज डॉ वीके शर्मा, डॉ भुवन तिवारी, डॉ श्रीकेश सिंह, डॉ विक्रम सिंह सहित अन्‍य चिकित्‍सक व स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी उपस्थित रहे।