विश्व शांति सुख, समृद्धि, मानव एवं प्राणी मात्र के कल्याणार्थ किया गया आयोजन
लखनऊ। अखिल विश्व गायत्री परिवार गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या, शैलबाला पण्ड्या एवं डॉ. चिन्मय पण्ड्या के आह्वान पर पूरे विश्व में गायत्री परिवार के लाखों कार्यकर्ताओं ने अपने घरों, आस-पास के घरों तथा पूरे विश्व के गायत्री परिवार के केन्द्रों में विश्व शांति सुख, समृद्धि, मानव एवं प्राणी मात्र के कल्याणार्थ आज रविवार 2 जून को एक ही समय में गायत्री मंत्र की आहूतियां डालकर यज्ञ का आयोजन किया। इसी क्रम में राजधानी लखनऊ के इन्दिरा नगर सेक्टर 9 स्थित गायत्री ज्ञान मंदिर में भी दर्जनों लोगों ने उपस्थित होकर गायत्री मंत्र की आहुतियां डालीं।
यह जानकारी देते हुए गायत्री परिवार के मीडिया प्रभारी व मुख्य प्रबंध ट्रस्टी उमानंद शर्मा ने बताया कि जो भाई-बहन अपने घर में यज्ञ नहीं कर पा रहे थे, उनके अनुरोध पर इन्दिरा नगर स्थित गायत्री ज्ञान मंदिर इन्दिरा नगर में सामूहिक गायत्री यज्ञ की व्यवस्था की गयी, जिसमें काफी संख्या में उपस्थित होकर यज्ञ आहुति प्रदान की। इस प्रकार की व्यवस्था लखनऊ के अन्य गायत्री केन्द्रों पर भी थी।
श्री शर्मा ने बताया कि पं श्रीराम शर्मा आचार्य की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित इस यज्ञ को विश्व भर में एक साथ किया गया। अनेक स्थानों से इसके आयोजन की खबरें आ रही है। उन्होंने बताया कि प्रातः 9 बजे से एक साथ एक समय में लाखों लोगों और गायत्री परिवार के कार्यकर्ताओं ने एकसाथ गायत्री मंत्र की आहुतियाँ डालीं।
इस यज्ञ का आयोजन विश्व शांति, सुख, समृद्धि, मानव एवं प्राणी मात्र के कल्याणार्थ किया गया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र कुण्डली जागरण का यह एक शुभारम्भ है। प्रतिवर्ष दोगुनी संख्या में इसकी बढ़ोतरी होगी और 2026 में (माता भगवती देवी के जन्म शताब्दी के अवसर पर) में एक करोड़ लोग एक साथ आहूति डालेंगे, यह इसकी पूर्णाहुति होगी इसे राष्ट्र कुण्डली जागरण कहा जायेगा। उन्होंने कहा कि यह अभियान गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में चलता रहेगा।
श्री शर्मा ने कहा इस अभियान का उद्देश्य है गायत्री उत्कृष्ट चिंतन का प्रतीक हैं, यज्ञ त्याग, परमार्थ का देवता है। जिस दिन मनुष्य का चिंतन उत्कृष्ट होगा एवं उसके जीवन में त्याग-परमार्थ के भाव विकसित होंगे, उसे ‘‘युग निर्माण’’ कहा जा सकता है। गायत्री परिवार के उपजोन प्रभारी के.के. भारद्वाज ने ऋषि संदेश दिया एवं उमानंद शर्मा द्वारा यज्ञ कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया। इस कार्यक्रम में सावित्री शर्मा, आर.के. चौहान, अनिल भटनागर, निर्मल राना, सुनीता चौहान, निर्मला सिंह इत्यादि का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम के समापन के बाद प्रसाद के साथ-साथ ज्ञान प्रसाद के रूप में ऋषि का साहित्य निःशुल्क भेंट किया गया।