-संजय गांधी पीजीआई के एपेक्स ट्रॉमा सेंटर ने आयोजित किया समारोह
सेहत टाइम्स
लखनऊ। यातायात दुर्घटना में होने वाली मौतों को रोकने के प्रति जागरूकता फैलाने के दृष्टिकोण से शनिवार को संजय गांधी पीजीआई के एपेक्स ट्रॉमा सेंटर द्वारा वॉकथॉन के माध्यम से आज एक जागरूकता सत्र आयोजित गया। इस मौके पर सभी ने सुरक्षित रूप से ड्राइव करने का संकल्प लिया।
यह जानकारी देते हुए संस्थान द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि 5-29 वर्ष की आयु के बच्चों और युवाओं के लिए सड़क यातायात की चोटें मौत का प्रमुख कारण हैं। सड़क दुर्घटनाओं के कारण हर वर्ष लगभग 1.3 मिलियन लोगों की मृत्यु होती है। सभी सड़क यातायात हादसों के शिकार में से आधे से अधिक पैदल चलने वाले, साइकिल चालक और मोटर साइकिल चालक हैं।
सड़क यातायात की चोटें न केवल दुर्घटना पीड़ितों को कष्ट पहुंचाती हैं बल्कि व्यक्तियों, उनके परिवारों और समग्र रूप से राष्ट्रों को भी काफी आर्थिक नुकसान पहुंचाती हैं। घायल होने पर उपचार में होने वाले व्यय के साथ-साथ मृत्यु अथवा विकलांगता के कारण कार्य शक्ति का ह्रास होता है और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए भी यह स्थिति कठिन होती है जिन्हें घायल व्यक्ति की देखभाल के लिए काम या स्कूल से समय निकालने की आवश्यकता होती है।
एपेक्स ट्रॉमा सेंटर यूपी राज्य का एकमात्र टियर-1 ट्रॉमा सेंटर है, यहां के संकाय सदस्यों और कर्मचारियों का प्रयास न केवल घायल रोगी की देखभाल करना है, बल्कि सड़क यातायात सुरक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करना और फैलाना भी है। जागरूकता अभियान की शुरुआत सड़क यातायात सुरक्षा विषय पर नारा लेखन व पोस्टर पेंटिंग से की गई। प्रतियोगिता में संस्थान के कॉलेज ऑफ नर्सिंग और कॉलेज ऑफ मेडिकल टेक्नोलॉजी के छात्रों ने भाग लिया।
मुख्य अतिथि प्रो ए के महापात्रा और विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों की भागीदारी के साथ वॉकथॉन को प्रोफेसर राज कुमार, प्रमुख, एटीसी और एचओडी, न्यूरोसर्जरी द्वारा हरी झंडी दिखाई गई। वॉकथॉन की शुरुआत एपेक्स ट्रॉमा सेंटर से सुबह 7:00 बजे हुई, तथा इसका समापन 8 बजे हुआ। कड़ाके की ठंड के बावजूद लोगों की भीड़ उमड़ रही थी। वॉकथॉन के दौरान पोस्टर, बैनर और भाषण के माध्यम से पैदल चलने वालों, स्थानीय निवासियों और आम जनता को सड़क यातायात सुरक्षा का संदेश दिया गया।
प्रो. राज कुमार ने भारत में बढ़ती सड़क यातायात दुर्घटनाओं के आंकड़ों, हेलमेट पहनने को लेकर देश में लोगों की मानसिकता और विभिन्न सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) नीतियों के बारे में भी चर्चा करते हुए मुख्य भाषण दिया।स्लोगन राइटिंग और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रो. राज कुमार और प्रो. ए.के. महापात्रा द्वारा मेडल से सम्मानित किया गया।