फोरम अध्यक्ष ने की सभी सदस्यों से सहयोग की अपील
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से टीबी यानी क्षय रोग के उन्मूलन के लिए की जा रही कवायद के तहत पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत एक जिला टीबी फोरम का गठन किया गया है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित इस फोरम में मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिलाध्यक्ष को उपाध्यक्ष तथा अन्य अधिकारियों एवं विभिन्न क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों को सदस्य बनाया गया है।
इस फोरम की पहली बैठक बीते 13 जून को जिलाधिकारी कार्यालय स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में सम्पन्न हुई। इस बैठक में जिला टीबी अधिकारी डॉ बीके सिंह ने जिलाधिकारी को टीबी उन्मूलन में मददगार कदमों को उठाये जाने का अनुरोध किया। वहीं जिलाधिकारी ने फोरम के सभी सदस्यों से अपेक्षा की कि वे लखनऊ से टीबी के खात्मे के लिए अपने-अपने सुझाव अवश्य सूचित करें तथा उनकी नजर में यदि कोई क्षय रोग के लक्षण वाला व्यक्ति नजर आये जिसका टीबी का इलाज कहीं नहीं चल रहा है तो इसकी सूचना जिला टीबी अधिकारी को अवश्य दें जिससे टीबी उन्मूलन अभियान में लगी टीम के सदस्य उस व्यक्ति से सम्पर्क स्थापित कर इलाज के लिए प्रेरित कर सकें।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में नवगठित जिला टीबी फोरम में मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद उपाध्यक्ष, जिला टीबी अधिकारी सदस्य सचिव हैं, इनके अलावा जिला विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ उमेश त्रिपाठी, ट्यूबरकुलोसिस एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि डॉ टीपी सिंह, केजीएमयू के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर एवं पल्मोनॉजिस्ट, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष, स्थानीय एनजीओ/सीएसओ के दो प्रतिनिधि शुचिता तिवारी व अशोक यादव, आरएनटीसीपी में सहभागियों की प्रतिनिधि अंजुला सचान, पांच टीबी रोगी के प्रतिनिधि, डीपीसी दिलशाद हुसैन, पीपीएम कोऑर्डीनेटर रामजी वर्मा, फहीम अहमद, एसटीएस एसी मित्रा, टीबीएचवी सुधीर सिेंह, पीएलएचआईवी के जिला स्तर नेटवर्क के प्रतिनिधि शरणम संस्था के सत्यनारायण, एनजीओ के प्रबंधकर्ता आरसीएच के अधिकारी प्रतिनिधि अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, पीआरआई सदस्य प्रधान ग्राम पंचायत बस्तिया गोसाईंगंज मुकेश कुमार पाण्डेय, पत्रकार धर्मेन्द्र सक्सेना तथा अधिवक्ता रेनू मिश्रा को सदस्य नामित किया गया है।