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टेक्‍नोलॉजी के उपयोग से आसान और तनावरहित बनायें विवि में शिक्षण कार्य

-के.जी.एम.यू इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज में ऑनलाइन गेस्‍ट लेक्‍चर में बोलीं शुभी जैन

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। ओरेकल आईडीसी बंगलुरु की टेक्निकल स्‍टाफ डेवलपर प्रोडक्टिविटी टीम की मेम्‍बर शुभी जैन ने कहा कि विश्‍वविद्यालयों में किसी भी विषय की शिक्षा में टेक्‍नोलॉजी का प्रयोग करके उसे और ज्‍यादा उपयोगी बनाया जा सकता है। टेक्‍नोलॉजी को उपयोग करने से पहले उसे समझना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही साथ यदि हम किसी ऐप का उपयोग कर रहे हैं तो हमें उसकी कार्यशैली को समझना आवश्‍यक है।

कम्‍प्‍यूटर साइंस में बीई ऑनर्स और एमएससी ऑनर्स मैथ शुभी जैन के.जी.एम.यू इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज के तत्वावधान में  समस्त पैरामेडिकल छात्र/छात्राओं के लिए आज 24 अक्‍टूबर को आयोजित ऑनलाइन गेस्ट लेक्चर में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रही थीं। शुभी ने टेक्‍नोलॉजी के उपयोग के बारे में बहुत ही सरल शब्‍दों में जानकारी देते हुए बताया कि विश्‍वविद्यालय में होने वाले लेक्‍चर या व्याख्यान की रिकॉर्डिंग करके अगर उसे अधिकारिक बेवसाइट पर अपलोड किया जाए तो उस समय कनेक्टिविटी खोने वाले छात्र अथवा बीमार हुए छात्र उस रिकॉर्डिंग को बाद में सुनकर लाभान्वित हो सकते हैं। इससे उन्‍हें लेक्‍चर छूटने का होने वाला तनाव भी नहीं होगा।

उन्‍होंने बताया कि ऑनलाइल प्लेटफॉर्म के माध्यम से समस्याओें को हल करने के लिए ऑनलाइल समूह चर्चा कर सकते हैं। हम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से अन्य राष्ट्रीय या अन्तर्राष्ट्रीय छात्रों और उनके निवेशकों के साथ सहयोग कर सकते हैं।

शुभी ने कहा कि हमें किसी भी ऑनलाइल पी.डी.एफ, व्याख्यान डाउनलोड करने से पहले समीक्षा देखने की आवश्‍यकता है। इसके अलावा टेक्नोलॉजी में वृद्धि होने से हमारे पास वैश्विक समझ के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ हो सकते है।

भविष्य में टेक्नोलॉजी में माध्यम से कृत्रिम हस्तक्षेप को प्रोत्साहित करके विस्तृत प्रश्‍नोत्तरों की स्वयं जांच कर सकते हैं अर्थात विस्तृत प्रश्‍नोत्तरों का सूक्ष्म मूल्यांकन कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि छात्र/छात्राओं के उचित ऑनलाइन शिक्षण को सुनिश्चि�त करने के लिए लेक्चर के मध्य में वीडियो को खुला रखना अनिवार्य है।

यह कार्यक्रम अधिष्ठाता, पैरामेडिकल विज्ञान संकाय डॉ विनोद जैन के मार्गदर्शन में आयोजित कराया गया। डॉ विनोद जैन ने कार्यक्रम के अंत में व्‍याख्‍यान के सारांश का स्‍वरूप बताते हुए कहा कि पैरामेडिकल छात्र/छात्राएं एवं पैरामेडिकल फैकल्टी अन्य राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय पैरामेडिकल संस्थानों के साथ इंटर इंस्‍टीट्यूशनल पैरामेडिकल एजूकेशनल ग्रुप एंड ट्यूटोरियल के माध्यम से आपस में विचारों को साझा करेंगे। इस कार्यक्रम का संचालन वीनू दुबे ने किया एवं कार्यक्रम को सफल बनाने में शालिनी गुप्ता, राघवेन्द्र शर्मा व अन्य पैरामेडिकल विज्ञान संकाय के सदस्यों ने योगदान दिया।