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केजीएमयू के विशेषज्ञ ने बताया कि पटाखे से जलने पर क्‍या करें

-22 से 28 अक्‍टूबर तक चौबीसों घंटे इलाज के विशेष इंतजाम

डॉ विजय कुमार

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। दीवाली का त्यौहार खुशियों का त्यौहार है। इस त्यौहार का लोगों को बेसब्री से इन्तजार रहता है खासकर बच्चे बहुत उत्साहित रहते हैं। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के प्‍लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्‍यक्ष डॉ विजय कुमार ने सुरक्षित और खुशहाल दीवाली मनाने की अपील करते हुए कुछ बातों को ध्‍यान में रखने की अपील करते हुए कहा है कि प्लास्टिक सर्जरी विभाग में स्थित बर्न रिसेप्शन पर 22 अक्‍टूबर से 28 अक्‍टूबर तक‍ चौबीसों घंटे पटाखों से लगी चोट एवं बर्न के इलाज के लिए सेवाएं प्रदान की जाएंगी। उन्‍होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर हेल्‍पलाइन नम्‍बर 941500444 पर कॉल कर सकते हैं।

डॉ विजय कुमार ने कहा‍ कि दीवाली दीये एवं पटाखों का त्यौहार है इसलिए इस दिन दुर्घटना से बचाव के उपयोग को जानना आवश्यक है। दीवाली पर घर के अंदर और घर के बाहर दोनों तरह के बर्न हो सकते हैं। घर के अंदर की दुर्घटनाएं मुख्यतः पूजा घर में होने की सम्भावना रहती है। अतः पूजा के समय सीमित मा़त्रा में दीये जलाएं तथा अधिक चहलकदमी वाले स्थानों व जमीन पर दीये न रखें।

उन्‍होंने बताया कि आउटडोर बर्न मुख्यतः पटाखे जलाते वक्त या दीवाली की झालरों से हो सकते हैं। झालर लगाते समय इलेक्ट्रिकल बर्न होने की सम्भावना रहती है इससे बचने के लिए निम्न उपाय करें।

-झालर के खुले तारों को प्लास्टिक के टेप से अच्छे से लपेट दें जिससे किसी के हाथ से टच न हों, तारों को जमीन पर न फैलाएं इन्हे दीवार पर फि‍क्‍स करके रखें।

-तारों को शॉर्ट सर्किट से बचाने के यथासम्भव प्रयास करें।

पटाखे जलाते हुए ये सावधानियां बरतें

-पटाखे हमेशा घर से बाहर एवं खुले स्थान पर ही जलाएं।

-बच्चों को पटाखे जलाते वक्त अकेला न छोड़ें।

-पटाखे जलाने के स्थान पर पानी की भरी बाल्टी अवश्य रखें। जली हुए फुलझड़ियों को पानी में डालें।

-पटाखों को बहुत पास से न जलाएं।

-अनार जलाते समय चेहरे तथा आंखों में बर्न की सम्भावना रहती है, अतः अनार दूर से जलाएं।

-राकेट जलाते समय विशेष ध्यान रखें क्योंकि सही साइज की बाटल न होने से राकेट घरों में जानें की सम्भावना रहती है, तथा आसपास खड़े लोगों के पास भी जा सकता है।

-पटाखे जलाते समय सूती तथा सही फि‍टिंग के कपड़े पहनें, बहुत ज्यादा ढीले व बहुत टाइट कपड़े न पहनें।

-बच्चों को हाथ से डाइरेक्‍ट पटाखे न जलाने दें।

-बिना जले हुए पटाखों को जलाने वाली जगह से दूर रखें अन्यथा उनमें चिंगारी से आग लगने की सम्भावना रहती है।

जल जाने की स्थिति में किये जाने वाले उपाय

-सबसे पहले आग बुझाने का प्रयास करें। इसके लिए पानी, रेत या कम्बल का प्रयोग किया जा सकता है।

-आग बुझाने के बाद व्यक्ति के जले हुए स्थान पर अगर ज्‍वेलरी पहनी हुई है तो उसे हटा दें।

-जले हुए स्थान पर 10 -15 मिनट तक पानी डालें एवं साफ कपड़े से ढंक दें।

-शीध्र ही पास के अस्पताल ले जाएं एवं अगले दिन का इंतजार न करें क्योंकि प्रारम्भिक उपचार महत्वपूर्ण होता है।

-आंखों में बारूद इत्यादि जाने पर पानी के लगातार छीटें मारे तथा रगड़ें नहीं।

-हाथ में बम फट जाने की स्थिति में तुरन्त किसी साफ कपड़े सें हाथ को बांधे तथा तुरन्त ही डॉक्टर के पास ले जाएं।

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