-स्वास्थ्य विभाग में अनियमित ट्रांसफर प्रकरण में उप मुख्यमंत्री ने लिखा था पत्र, योगी ने दिये थे जांच के आदेश, लोकायुक्त भी भेज चुके हैं नोटिस
सेहत टाइम्स
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद की मुश्किलें अब बढ़ती दिखाई दे रहे हैं। वे चौतरफा घिर गये हैं। प्रदेश के लोकायुक्त द्वारा दी गई नोटिस के बाद अब उनके खिलाफ शिकायत दिल्ली दरबार तक पहुंच गई है, जबकि उप मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा भी पहले ही जांच के आदेश दिये गये हैं।
ज्ञात हो स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादलों में बरती गयी अनियमितता को लेकर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अमित मोहन प्रसाद को पत्र लिखा था, इसी प्रकरण पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जांच की रिपोर्ट मांगी थी। लोकायुक्त को की गयी शिकायत के आधार पर लोकायुक्त ने उनसे अपना पक्ष रखने के लिए 28 जुलाई तक जवाब मांगा है और अब पीएमओ को एक निजी कम्पनी की ओर से महेश चंद्र श्रीवास्तव द्वारा अमित मोहन प्रसाद पर जानबूझकर भुगतान रोकने का आरोप लगाते हुए शिकायत की गयी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीएमओ यानी प्रधानमंत्री कार्यालय ने अमित मोहन प्रसाद पर निजी कंपनी द्वारा लगाया जाए आरोप की जांच के लिए मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र को पत्र लिखा है मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पीएमओ ने मुख्य सचिव को आर क्यूब ग्रुप ऑफ कंपनीज के महेश चंद श्रीवास्तव द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को बीती 27 जून को भेजे शिकायती पत्र में कहा है कि उनकी कंपनी द्वारा गोरखपुर, बलिया, प्रयागराज और गोंडा के जिला चिकित्सालयों में सेंट्रल गैस पाइपलाइन सिस्टम की स्थापना और 5 वर्षों तक अनुरक्षण का काम किया गया।
यह भी लिखा गया है कि इसके अतिरिक्त लखनऊ के सिविल अस्पताल, भाऊराव देवरस संयुक्त चिकित्सालय महानगर में मॉड्यूलर ओटी के साथ ही अन्य काम भी किए गए, तथा इसके अतिरिक्त लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर नगर एवं प्रयागराज स्थित सीएचसी तथा राजाजीपुरम लखनऊ स्थित रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय में फायर फाइटिंग के काम भी किए गए हैं। कंपनी द्वारा भुगतान न होने के लिए सीधे तौर पर अपर मुख्य सचिव को जिम्मेदार ठहराते हुए उनकी शिकायत की है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है की इस बारे में अमित मोहन प्रसाद से जानकारी करने पर उन्होंने ऐसे किसी मामले की जानकारी होने से इनकार किया है।