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चिकित्सा के क्षेत्र में विकसित देशों से भी आगे है भारत : ब्रजेश पाठक

-डॉ राजेन्द्र प्रसाद की पुस्तक ‘मैनुअल ऑफ चेस्ट एक्स रे’ का विमोचन

सेहत टाइम्स

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अमेरिका-इंग्लैंड जैसे विकसित देशों से भी आगे है, हार्ट की जिस बाईपास सर्जरी के लिए इन देशों में लम्बा इंतजार करना पड़ता है वही भारत में तुरंत ही हो जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं कि मैं अखबार में रिपोर्ट पढ़ रहा था कि एक वरिष्ठ शिक्षाविद को पिछले 36 दिनों से बाईपास सर्जरी के लिए समय नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें बताया गया कि अमेरिक-इंग्लैंड में यह बहुत आम है, वहां ऐसा नहीं है कि जब चाहा बाईपास सर्जरी करा ली, इसमें काफी प्रतीक्षा करनी पड़ती है, जबकि इसके विपरीत उत्तर प्रदेश-भारत में हम लोग इमरजेंसी की तरह ट्रीट करते हुए तुरंत ही बाईपास सर्जरी करा देते हैं।

ब्रजेश पाठक ने यह बात आज यहां होटल रेनेसां में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित समारोह में डॉ बीसी रॉय नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, निदेशक, चिकित्सा शिक्षा, एरा यूनिवर्सिटी लखनऊ, डॉ निखिल गुप्ता, एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ तथा डॉ किरण विष्णु नारायण, एडिशनल प्रोफेसर, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, त्रिवेंद्रपुरम, केरल द्वारा लिखित पुस्तक मैनुअल ऑफ चेस्ट एक्स रे “Manual of Chest X-Ray” का विमोचन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि “डॉ राजेंद्र प्रसाद ने चिकित्सा के क्षेत्र में अतुलनीय कार्य किया है। उनके द्वारा लिखित पुस्तक “Manual of Chest X-Ray” निश्चय ही पल्मोनरी चिकित्सा के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाले छात्र छात्राओं के लिए मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्षवर्धन अग्रवाल को भी ऐसे आयोजन के लिए बधाई दी।

हम किसी भी पद पर पहुंच जायें हमारा दृष्टिकोण मानवीय रहना चाहिये

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हम चाहें किसी भी पद पर पहुंच जायें लेकिन हमारे दिल में दूसरों के लिए मानवीय दृष्टिकोण रहना चाहिये। उन्होंने कहा कि मेरा यह अनुरोध है कि आदमी को आदमी समझें, ज्यादा कमाई करके क्या करना है, अंत एक सा ही होना है। बैंक बैलेंस बढ़ाने से कोई फायदा नहीं है, पहले की बात अलग थी जब सोने-चांदी के सिक्के चलते थे, उस समय लोग इधर-उधर के बर्तनों में छिपा कर रख देते थे, लेकिन आजकल नोट कहां छिपा कर सुरक्षित रख पायेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने अक्सर देखा है कि होटलों में लोग आते हैं, प्लेट में भर कर खाना ले लेंगे, फिर थोड़ा खायेंगे और बचा हुआ खाना फेंक देंगे, उन्होंने कहा कि यह सही नहीं है, मेरा वश चले तो इस पर कानून बना दूं। उन्होंने कहा कि मेरी होटल वालों से अपील है कि यदि कोई गरीब आये तो उसे ऐसे ही खाना खिला दीजिये, उन्होंने समारोह में उपस्थित कोटा राजस्थान से आये कोचिंग चलाने वाले ब्रजेश माहेश्वरी से अपील की कि आप बहुत बड़ी कोचिंग चला रहे हैं तो अगर गरीब बच्चा आये तो उसे फ्री में पढ़ा दें, एक बड़ी सी स्क्रीन लगा कर उसे बाहर बैठा कर फ्री में पढ़ने की सुविधा दे दें।

1976 में देखा सपना अब पूरा हुआ : डॉ राजेन्द्र प्रसाद

इस मौके पर डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि इस किताब को लिखने का सपना मैंने 1976 में तब देखा था जब मैंने एमडी मेंं एडमिशन लिया था, इतने साल बाद अब सपना पूरा हो सका है। उन्होंने कहा कि पांच दशकों से अधिक समय से स्नातक, स्नातकोत्तर छात्रों, चिकित्सकों को चेस्ट एक्स रे सिखाने और रोगियों का इलाज करने में शामिल रहा हूं, उनका इलाज करते समय कई दिलचस्प एक्स रे देखें हैंं, इन एक्स रे को इस पुस्तक में प्रदर्शित किया है। उन्होंने कहा कि मैंने यह किताब अपने विद्यार्थियों के कहने पर लिखी है |उनका कहना था कि आप जितना कुछ भी पलमोनरी मेडिसिन के बारे में जानते हैं वह आपके साथ ही चला जाएगा तो आप इस पर एक किताब लिख दीजिए जिससे आने वाली पीढ़ियां भी इससे लाभान्वित हो सकें, इसलिए 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद मेरी यह किताब आपके सामने है

अस्थमा पर पुस्तक में होगी होम्योपैथि​क उपचार की भी जानकारी

डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि अस्थमा पर मैं एक पुस्तक लिख रहा हूं, इसमें एम्स दिल्ली के निदेशक रह चुके डॉ रणदीप गुलेरिया सहित अनेक विशेषज्ञों की लेखनी का समावेश होगा, इस पुस्तक के लिए मेरी योजना है कि इस पुस्तक में अस्थमा के इलाज में अन्य पैथी के साथ ही होम्योपैथिक उपचार के बारे में भी जानकारी दी हो। इसके लिए मैंने वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ गिरीश गुप्ता के सामने प्रस्ताव रखा कि विच आर द बेसिक प्रिंसिपल्स इन मैनेजमेंट ऑफ अस्थमा इन होम्योपैथी यानी होम्योपैथी में अस्थमा के प्रबंधन के मूल सिद्धांत क्या हैं? जिससे हमारे एलोपैथी सिस्टम में भी ये चीजें समझ में आयें कि होम्योपैथी में आप कैसे इलाज करते हैं। उन्होंने बताया कि डॉ गिरीश गुप्ता ने इसके लिए सहमति दे दी है।

बहुत कुछ सीखने को मिला है प्रो राजेन्द्र प्रसाद से : प्रो सूर्यकान्त

डॉ सूर्यकान्त ने कहा कि प्रो राजेन्द्र प्रसाद उनके गुरु रहे हैं, उन्होंने कहा कि उनसे उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला है। उन्होंने कहा कि विशेषकर विभाग को चलाने की ट्रेनिंग उनकी उसी समय हो गयी थी जब प्रो राजेन्द्र प्रसाद पल्मोनरी विभाग के विभागाध्यक्ष थे, क्योंकि उस समय अधिकतर समय प्रो राजेन्द्र प्रसाद को कार्य के सिलसिले में बाहर जाना पड़ता था, उस स्थिति में विभाग के संचालन की जिम्मेदारी मुझे ही निभानी होती थी। उन्होंने कहा कि प्रो राजेन्द्र प्रसाद ने अपनी पुस्तक लगभग उसी आयु में लिखी है जब गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस लिखी थी, ऐसे में मुझे विश्वास है कि जिस प्रकार रामचरित मानस को प्रसिद्धी मिली है, वैसी ही प्रसिद्धी प्रो राजेन्द्र प्रसाद की किताब को मिलेगी।

हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा कि, “आज का यह अवसर हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रयासों को साझा करने के साथ-साथ, समाज के महत्वपूर्ण चिकित्सक, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद द्वारा लिखित पुस्तक “Manual of Chest X Ray” के विमोचन के साक्षी बन रहे हैं।

विशिष्ट अतिथि विद्यासागर गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ़ टेक्निकल एजुकेशन, उत्तर प्रदेश, सांसद, राज्यसभा, बृजलाल, पूर्व सांसद, राज्यसभा, अशोक बाजपेई, पूर्व अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग, श्याम नंदन सिंह, एम.एल.सी. मुकेश शर्मा, शिक्षाविद बृजेश महेश्वरी विशेष अतिथियों के रूप में डॉ. संजीव मिश्रा, उप कुलपति, अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ, डॉ सीएम सिंह, निदेशक, डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ, डॉ सूर्यकांत प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग केजीएमयू, प्रोफेसर अमरिका सिंह निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर राजस्थान, वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ गिरीश गुप्ता शामिल रहे। इनके अलावा कार्यक्रम में जितेंद्र कुमार, अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन, जस्टिस एस.के. श्रीवास्तव, डॉ आर.सी. सक्सेना, पूर्व विभाग अध्यक्ष औषधि विभाग, केजीएमयू, डॉ वी.बी. सिंह, सेवानिवृत्त डायरेक्टर जनरल, उत्तर प्रदेश सरकार, डॉ तारिक प्रोफेसर, पल्मोनरी मेडिसिन, प्रयागराज मेडिकल कॉलेज, पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके शुक्ला, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य पंकज अवस्थी, के.पी.एस. चौहान, अरस्तु उपाध्याय, डॉ. सत्य सिंह, महेंद्र प्रताप अवस्थी के साथ ही लखनऊ शहर के गणमान्य चिकित्सक तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवक शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया।

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